Riti Riwaj: मां अपने बेटे की शादी में क्यों नहीं जाती है? वजह जानकर आपका सर घूमने लगेगा

शादी का रिश्ता बड़ा ही पवित्र माना जाता हैं। शादियां केवल दो लोगों का ही नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। इसलिए सात जन्म के इस खास रिश्ते से कई प्रथाएं जुड़ी होती हैं। शादी में घर के सभी सदस्य शामिल होते हैं।

Riti Riwaj

हिंदू धर्म में शादियों का बड़ा ही खास महत्व होता है। शादी के दौरान कई रीति-रिवाज निभाए जाते हैं, जैसे हल्दी, मेहेंदी,संगीत, कन्यादान, सात फेरे और गृह प्रवेश आदि। इन सभी रस्मों का अपना अलग महत्व होता है। इन्ही रीति-रिवाजों को पूरा कर शादी सपंन्न मानी जाती है।

सबसे मुख्य रस्मों में अग्नि के सात फेरे लेना है। मान्यता है कि जब सात फेरे होते हैं, तो दुल्हे की मां अपने बेटे के फेरों को नहीं देख पाती है। यह रिवाज काफी समय से चला आ रहा है, लेकिन इसके पीछा का कारण काफी कम लोगों को ही पता है।

बेटे की शादी के समय सारे रिश्तेदार, दोस्त बारात में जाते हैं, पर सिर्फ माँ बरात में नहीं जाती, क्या आप जानते हैं इसके पीछे की वजह, आखिर क्यों होता हैं ऐसा?

मान्यताओं के अनुसार पहले के समय में माताएं अपने बेटों की शादी में जाती थीं, लेकिन जब भारत में मुगलों का आगमन हुआ उसके बाद से मां अपने बेटे के शादी में नहीं जाती। मुग़ल शासन के दौरान जब घर पर कोई नहीं होता था तब पीछे से कई बार घर में डकैती और चोरी हो जाती थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए और घर की रखवाली के लिए महिलाओं ने घर में रहना शुरू कर दिया, पर वे घर में ऐसे ही नही बैठी रहती। घर की सारी औरतें मिल कर शादी वाले दिन रात को घर में मनोरंजन के लिए गीत गाती हैं।

ऐसा भी माना जाता है कि बहु के गृह प्रवेश की तैयारियों के कारण भी वे घर पर रुकती हैं, पर अब ज़माना बदल गया है।  आजकल मांएं अपने बेटे की शादी में जाती हैं। पर आज भी भारत के कुछ राज्यों जैसे उत्तराखंड, बिहार और राजस्थान साइड की महिलाएं अपने बेटे के फेरे नहीं देखती हैं।

error: Alert: Content selection is disabled!!
WhatsApp चैनल ज्वाइन करें