सिर्फ 12 फिल्म के बाद मिला मनहूस का टैग, फिर साथ काम करने से भागने लगे लोग, लेकिन अब बनी बॉलीवुड की शेरनी

फिल्मी दुनिया बेहद रंगीन है। फिल्में देखना भी आंखों को काफी सुकून देता है। लेकिन फिल्मों में करियर बनाना और सफल होना एक बहुत ही टेढ़ी खीर है जिसका स्वाद कुछ लोग ही चख पाते हैं। देश के कोने-कोने से हजारों लोग प्रतिदिन मुंबई जाते हैं फिल्म स्टार बनने के लिए। उनमें से अधिकांश कुछ ही समय में वापस आ जाते हैं। कुछ वहीं पर कोई और राह पकड़ लेते हैं।

Vidya Balan

उंगली पर गिने चुने लोगों को ही काम मिलता है और नायाब लोगों को सफलता मिलती है। सफलता के लिए कड़े संघर्ष के साथ-साथ नाकामी और रिजेक्शन झेलना पड़ता है। अगर आप अपनी प्रतिभा पर विश्वास करते हुए बुरे दिन झेल गए तो एक दिन निश्चित रुप से सफलता आपके कदम चूमेगी।

इस अभिनेत्री ने झेला था रिजेक्शन का दंश

फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन (Vidya Balan) आज बॉलीवुड का एक बड़ा नाम है। किसी फिल्म में उनका होना सफलता की गारंटी हैं। आज के दौर में वे निर्देशकों को ना कह देती हैं। एक दौर ऐसा भी था जब विद्या बालन को असफलता, रिजेक्शन के साथ ही अपशब्दों का भी सामना करना पड़ा था। बालन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि, उन्हें फिल्मों में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत की कड़ा संघर्ष करना पड़ा था।

कोई डायरेक्टर उन्हें काम नहीं देता था। उनके पास आए काम भी छीन लिए जाते थे। उन्होंने कहा कि एक समय उन्हें एक साथ साउथ की 12 फिल्मों से बाहर कर दिया गया था। डायरेक्टर उन्हें मनहूस कहते हुए फिल्म से निकाल देते थे। ये वो दौर था जब में रात रात भर सो नहीं पाती थी और मंदिरों में बैठकर अक्सर भगवान से ये सवाल करती थी की मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है।

इस फिल्म ने दिलाई सफलता

लंबी असफलता के बाद विद्या बालन (Vidya Balan) को बॉलीवुड में पहचान मिली 2005 में विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्मित फिल्म परिणिता से मिली। इस फिल्म से बालन सिल्वर स्क्रिन पर छा गईं और उनके संघर्ष का दौर समाप्त हो गया। इस फिल्म के बाद उनकी अनेक फिल्में सुपरहिट रही। उनका नाम उन अभिनेत्रियों में शुमार हुआ जो अपने दम पर फिल्म हिट कराती थी। ऐसी फिल्मों में द डर्टी पिक्चर प्रमुख थी।

अहम फिल्मों पर एक नजर

माधुरी दीक्षित को देखकर अभिनेत्री बनने का सपना देखने वाली विद्या बालन (Vidya Balan) 2003 से फिल्मी दुनिया में सक्रिय हैं। उनकी सफल और लोकप्रिय फिल्मों में परिणीता, लगे रहे मुन्नाभाई, भुल भुलैया, पा, द डर्टी पिक्चर, कहानी, तुम्हारी शुलु आदि प्रमुख है। विद्या बालन को एक राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ ही, 7 फिल्म फेयर पुरस्कार, 6 स्कीन अवॉर्ड, 4 आईफा अवार्ड के साथ ही पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

WhatsApp चैनल ज्वाइन करें