रेलवे ने हनुमान जी को भेजा नोटिस, मात्र 7 दिनों की दी मोहलत, जानिए उस नोटिस में क्या कहा गया है?

रेलवे विभाग या कोई भी अपनी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उन्हें नोटिस भेजते हैं। इस नोटिस में कब्जा करने वालों को एक समयावधि दी जाती है, जिसमें उन्हें वो जगह खाली करनी होती है, लेकिन क्या हो अगर उस जगह पर किसी भगवान का वास हो। क्या विभाग भगवान को नोटिस भेजेगा औऱ अगर भेजेगा भी तो कैसे?

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भारतीय रेलवे ने ये कारनामा भी कर दिखाया है। एक विचित्र घटना में रेलवे विभाग ने रेलवे भूमि पर कथित ‘अतिक्रमण’ को लेकर भगवान बजरंग बली को ही नोटिस भेज दिया है। जी हां! आपने उसे सही पढ़ा है।

विभाग ने भगवान बजरंग बली से मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के सबलगढ़ कस्बे में रेलवे की जमीन पर से ‘अतिक्रमण’ हटाने को कहा है। नोटिस में भगवान बजरंग बली को अतिक्रमणकारी बता दिया गया है। और तो और रेलवे विभाग ने महाबली संकटमोचन हनुमान जी को सिर्फ 7 दिनों की मोहलत दी है।

नोटिस में भगवान को सात दिनों के भीतर अतिक्रमण हटाने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी भी दी गई है। यानी कि अगर हनुमान जी अतिक्रमण नहीं हटाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी! बता दें कि नोटिस भगवान हनुमान के मंदिर में चिपकाया गया था।

नोटिस कथित तौर पर 8 फरवरी को जारी किया गया था और तब से वायरल हो रहा है। नोटिस में कहा गया है कि अगर रेलवे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो बजरंग बली तत्काल ‘अतिक्रमण’ हटा दें या खर्च वहन करें।

हालांकि, नोटिस की तस्वीर वायरल होने के बाद रेलवे ने गलती सुधारते हुए मंदिर के पुजारी को नया नोटिस जारी किया। वहीं, इस संबंध में मीडिया से झांसी रेलवे मंडल के पीआरओ (जनसंपर्क अधिकारी) मनोज माथुर ने कहा कि नोटिस गलती से दिया गया था।

उन्होंने कहा “हमने गलती से नोटिस दिया था। हमने मंदिर के पुजारी को नया नोटिस भेजा है।’

खबरों से पता चलता है कि झांसी रेलवे डिवीजन के वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर द्वारा बजरंग बली को नोटिस जारी किया गया था। नया नोटिस मंदिर के पुजारी हरिशंकर शर्मा के नाम पर भेजा गया है। खबरों की मानें, तो रेलवे चाहता है कि श्योपुर-ग्वालियर ब्रॉड-गेज लाइन के निर्माण के लिए मंदिर को हटा दिया जाए।

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