ट्रेन की पटरी पर V जैसा आकार क्यों बना होता है? जानिए इसके पीछे की वजह क्या है?

रेल का सफर बहुत ही आरामदायक होता हैं। ज्यादातर लोग ट्रेन में खिड़की के पास बैठना पसंद करते हैं। आमतौर पर रेलवे ट्रैक में पटरियां सीधी, एकसमान और समानांतर होती हैं। जब आप रेल में सफर करते हैं तब आपने कहीं कही पर V आकार की पटरियों को देखा होगा। ये आपको खासतौर पर पुलों पर दिखाई देती होगी। साथ ही और भी कई जगहों पर आपने इसे देखा होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि रेलवे की दो पटरियों के बीच में V आकर की पटरी लगाने की जरूरत क्यों पड़ती हैं?

Guard Rail Track

ट्रेन के सफर के दौरान कोई दुर्घटना न हो इसके लिए रेलवे स्टाफ और पुलिस फ़ोर्स जितना प्रयास करती हैं उतनी ही अहम भूमिका रेल की पटरियों की भी होती हैं। लाखों करोड़ों लोग रोजाना रेल में सफर करते हैं। इनकी सलामती के लिए रेलवे डिपार्टमेंट पूरी कोशिश करता है।

भारतीय रेलवे में दो पटरियों के बीच इस V आकार की पटरी का काम ट्रेन चलने के लिए नहीं होता हैं। बल्कि मैन ट्रैक को मजबूती प्रदान करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता हैं। इसे गार्ड रेल भी कहा जाता हैं। दो पटरियों के बीच अन्य पटरियों का इस्तेमाल अक्सर डेक ब्रिज, लेवल क्रोसिंग और तीव्र मोड़ पर किया जाता हैं।

पुल पर पटरियों को उतना सपोर्ट नहीं मिल पाता हैं जितना जमीन पर बिछी पटरियों को मिलता है। इसलिए ट्रेन के भार से उनके मुड़ने का डर रहता है। ऐसे में V आकार की पटरी मैन पटरी को सपोर्ट प्रदान करती है और पटरियां मुड़ती नहीं हैं।

इसी तरह किसी तीव्र मोड़ पर भी पटरी के साथ एक अन्य साइड पटरी का इस्तेमाल किया जाता है। ताकि तीव्र मोड़ पर ट्रेन के रफ्तार में होने से पहिये के पटरी से उतरने की संभावना कम रहे, क्योंकि यहां पर पहिया दो पटरियों के बीच में फंसकर चलता है।

लेवल क्रॉसिंग पर इस V आकार की पटरी का इस्तेमाल भी इसलिए किया जाता है क्योंकि क्रॉसिंग का हिस्सा सीमेंट से बना होता है। ऐसे में पटरियों को मजबूती से टिकाने के लिए दो पटरियों के बीच अन्य पटरी का इस्तेमाल किया जाता है।

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