Vastu Tips: हम सभी को अपने जीवन में सुख, शांति और सुकून की अभिलाषा होती है। कुछ चीजों को हम सिर्फ पैसे से या भौतिक संसाधनों से प्राप्त नहीं कर सकते जो हमारे जीवन में नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें। इसीलिए भारतीय वास्तु शास्त्र में हमारे घर में रखी चीजों की दशा और दिशा से संबंधित कुछ ऐसे नियमों का उल्लेख किया गया है जिनका पालन करने से हमारे जीवन में सुख समृद्धि कायम रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर में चीजें वास्तु अनुकूल रखी हुई हैं तो परिवार के सदस्य निरोग व स्वस्थ रहेंगे। इसीलिए वास्तु दोष को दूर करने अथवा कम करने में आपके घर का रख रखाव आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं वास्तु के कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में जो आपके घर परिवार में सुख शांति का वातावरण बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं :-
1. हिंदू धर्म में पूजा स्थान का विशेष महत्व है। इसीलिए वास्तु में पूजा घर के स्थान और दिशा पर विशेष ध्यान दिया गया है जिसके अनुसार घर में पूजा का स्थान ईशान कोण या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए क्योंकि इस दिशा मैं देवताओं का वास माना जाता है। अतः उत्तर पूर्व दिशा में पूजा घर होने से घर में सुख शांति व समृद्धि बनी रहती है। पूजा घर के पास भारी भरकम सामान या ऐसी ही कोई वस्तु रखने से परहेज करें क्योंकि ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं। साथ ही यह ध्यान रखें कि पूजा घर के पास या नीचे कभी भी स्नानघर या सीढियां न बनाएं।
2. घर पर वाहन पार्किंग हमेशा उत्तर पश्चिम दिशा में बनवाना उत्तम होता है। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
3. घर पर मकड़ी का जाला न लगने दें। 4-6 दिन के अंतराल पर इसे साफ करते रहना चाहिए। क्योंकि इससे वातावरण पवित्र व सकारात्मक बना रहता है।
4. यह हमेशा ध्यान रखें कि आपके घर के दरवाजे ऐसे होने चाहिए जिन्हें खोलने या बंद करते समय किसी तरह की कर्कश ध्वनि ना निकले क्योंकि इससे घर में नकारात्मकता का संचार होता है।
5. यदि आप घर पर पेड़ पौधे लगाने के शौकीन है तो यह अच्छी बात है पर यह ध्यान रखें कि उनकी देखभाल और रखरखाव उचित प्रकार से होनी चाहिए। पेड़ पौधे हरे भरे रहे इसके लिए उन्हें भली भांति पानी व खाद देते रहें। जो पौधे सूख गए हो उन्हें हटा देना चाहिए।
6. सोते समय अपने पैर मुख्य द्वार की तरफ करके कदापि न सोएं। हमेशा पूर्व दिशा में सिर और पश्चिम की ओर पैर करके सोना उत्तम होता है। इससे आध्यात्मिक भावनाओ में वृद्धि होती है तथा मन शांत रहता है।
7. अपने घर में अग्नि से संबंधित उपकरणों को जहां तक संभव हो दक्षिण पूर्व दिशा में ही रखने का प्रयास करें। विद्युत उपकरणों को दुरुस्त रखें, उनमें से बिना वजह की ध्वनि नहीं आनी चाहिए।
8. अतिथियों के ठहरने का कक्ष हमेशा उत्तर या पश्चिम दिशा में बनाएं। इससे आपसी प्रेम व सौहार्द बना रहता है। अतिथियों के आवभगत व सम्मान में कोई कमी ना रखें क्योंकि इससे देवता प्रसन्न होते हैं जिससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
9. शयन कक्ष में श्रृंगार दान को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए तथा सोते समय शीशे को किसी कपड़े से ढक देना चाहिए।
10. पानी की टंकी घर के ऊपर दक्षिण पश्चिम दिशा में रखना उत्तम होता है।
11. वास्तु के अनुसार गैस का चूल्हा आग्नेय कोण तथा प्लेटफार्म से कुछ इंच स्थान छोड़कर रखना चाहिए।
12. कभी भी दक्षिण दिशा में पैर करके ना सोएं क्योंकि ऐसा करने वाले शख्स का मन अशांत रहेगा व अनिद्रा की शिकायत बनी रहेगी।
13. अपने घर में या कमरे में भी कांटे वाले पौधे और गुलदस्ते लगाने से परहेज करें क्योंकि ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं।