Tax on Gold 2025: अब सोना बेचने और खरीदने वाले को देना होगा इतना टैक्स, यहां देखें कौन-कौन सा लगेगा चार्ज। जो इस बिजनेस में हैं उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि आगे से सोना की खरीद-बिक्री करने पर कितना टैक्स देना पड़ेगा। इसी वजह से हमने उसकी जानकारी इस लेख में दी है।

सोने की खरीदारी या निवेश बड़े वित्तीय निर्णयों में से एक है। सोने को खरीदने और बेचने पर विभिन्न प्रकार के टैक्स और नियम लागू होते हैं। यदि आप इनसे अनजान हैं, तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए, ज्वैलर्स के पास जाने से पहले सोने पर लगने वाले टैक्स और अन्य शुल्कों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है।
सोने पर GST समेत अन्य शुल्क
सोने पर निवेश करने वाले लोग इसके रिटर्न को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं। कुछ लोग फिजिकल गोल्ड यानी सोने के आभूषण या सिक्के खरीदते हैं, तो कुछ डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं। चाहे खरीदारी ऑफलाइन हो या ऑनलाइन, हर स्थिति में टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य है। सोने की खरीदारी पर GST और अन्य चार्जेस लगाए जाते हैं, जिन्हें खरीदने से पहले समझ लेना जरूरी है।
1. मेकिंग चार्ज: ज्वैलर्स का मुनाफा
सोने के गहनों की खरीद पर मेकिंग चार्ज लागू होता है, जो आभूषण तैयार करने की लागत को कवर करता है। यह आमतौर पर 1% से 25% तक हो सकता है। हालांकि, ग्राहक दुकानदार से बातचीत कर इस शुल्क को कम करवा सकते हैं।
2. GST की गणना
सोने की ज्वैलरी खरीदने पर 3% GST लागू होता है। उदाहरण के लिए, यदि आप ₹20,000 की ज्वैलरी खरीदते हैं, तो ₹600 अतिरिक्त GST के रूप में चुकाने होंगे।
3. TDS का भुगतान
यदि आप ₹1 लाख या उससे अधिक का सोना खरीदते हैं, तो आपको 1% TDS चुकाना होगा। उदाहरण के लिए, ₹1,50,000 के सोने पर ₹1,500 का TDS लगेगा।
सोना बेचने पर टैक्स
1. फिजिकल सोना
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स: यदि आप सोना 3 साल के भीतर बेचते हैं, तो आपकी आय स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स: 3 साल के बाद बेचे गए सोने पर 20% टैक्स लगता है।
2. डिजिटल गोल्ड
डिजिटल गोल्ड (जैसे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ) पर भी टैक्स लागू होता है।
- 3 साल के भीतर बेचा गया सोना: शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स।
- 3 साल के बाद बेचा गया सोना: 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: टैक्स से छूट का मौका
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 8 साल तक निवेश करने पर अर्जित लाभ टैक्स मुक्त होता है।
- 5-8 साल के भीतर बेचने पर: 20% टैक्स।
- 1-5 साल के भीतर बेचने पर: 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स।
- 1 साल के भीतर बेचने पर: आय स्लैब के अनुसार टैक्स।
गोल्ड ईटीएफ पर टैक्स
गोल्ड ईटीएफ को 3 साल के बाद बेचने पर 20% टैक्स लगता है। यदि इसे 3 साल के भीतर बेचा जाता है, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लागू होता है।
ऐप्स के जरिए गोल्ड खरीदने पर टैक्स
Paytm, Google Pay, PhonePe जैसी ऐप्स से डिजिटल गोल्ड खरीदने पर, उसे बेचने पर टैक्स देना पड़ता है।
- 3 साल के बाद बेचने पर: 20% टैक्स।
- 3 साल के भीतर बेचने पर: आय स्लैब के अनुसार टैक्स।