हिंदू धर्म में भोजन को लेकर कई नियम हैं, जो आज भी हमारे घरों में निभाये जाते हैं। हम भोजन को भी अन्न देवता के नाम से पूजते हैं और इसका अपमान करना सनातन धर्म में दंडनीय माना गया है। सिर्फ खाते वक्त ही नहीं बल्कि खाना पकाते वक्त भी कुछ नियमों का पालन किया जाता है। ये नियम आज से नहीं, बल्कि सदियों से चले आ रहे हैं। कहा जाता है कि भोजन पकाते वक्त कुछ नियमों का पालन करने से घर में कभी भी समृद्धि की कमी नहीं होती और साथ ही खुशहाली बनी रहती है।

आपने अपनी मां को घर में रोटी बनाते जरूर देखा होगा। आपने देखा होगा कि आपकी मां परिवार के लोगों के अलावा कुछ एक्स्ट्रा रोटियां भी बनाती हैं, जो वे गाय या कुत्तों को देती हैं। ऐसा ज्यादातर सभी घरों में होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है। आइये जानते हैं….
पहली रोटी गाय की
सुबह नाश्ते में रोटी बनाते वक्त पहली रोटी गाय के लिये निकाली जानी चाहिये। कहते हैं गाय में 33 कोटी देवी देवताओं का वास होता है और गौ सेवा से बढ़ कर पुण्य का काम कोई और नहीं है। इसी लिये घर की सबसे पहली रोटी गाय के लिये बनायी जानी चाहिये।
आखिरी रोटी कुत्ते की
वहीं सबसे अंतिम की रोटी हमेशा कुत्ते के लिए बनाई जाती है। ऐसा करने से परिवार के लोगों से संकट दूर रहते हैं, लेकिन फिर भी अधिकतर लोग ऐसा नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं होती है। अगर आप प्रतिदिन अंतिम रोटी कुत्ते को देते हैं तो इससे आपके घर में तरक्की होगी।
कौओं और पक्षियों को दें रोटी
कुत्ते की रोटी के साथ 1-2 रोटी कौओं और पक्षियों के लिये भी बना लें। ऐसा करने ले भगवान प्रसन्न होते हैं। घर से आर्थिक संकट दूर हो जाता है और खुशहाली बनी रहती है।
शनिवार को काले कुत्ते को दें रोटी
शनिवार के दिन अंतिम रोटी बना कर उसमें जरा सा सरसों का तेल लगा कर काले कुत्ते को खिलाने से घर की कई सारी समस्याओं का हल हो सकता है। इससे परिवार पर आने वाली दशाएं भी दूर हो जाती है।