भारत का एकमात्र रेलवे स्टेशन जहां पर लोग टिकट तो खरीदते हैं, लेकिन कोई नहीं करते सफर, जानिए इसकी वजह

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित दयालपुर रेलवे स्टेशन के आसपास के गांव के लोग रोजाना टिकट तो खरीदते हैं, लेकिन वह लोग कहीं जाते नहीं है। यह बात चारों तरफ बहुत बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों से बातचीत के दौरान एक दिलचस्प बात लोगों के सामने आई। ग्रामीणों ने इस स्टेशन को बचाने की छोटी सी कहानी बताई।

Railway Station
WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now

इसकी शुरुआत भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से की गई थी। आपको बता देना चाहते हैं कि दयालपुर रेलवे स्टेशन देश का पहले प्रधानमंत्री जी के कहने पर रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने बनवाया था। कई सालों तक आसपास के लोगों की यात्रा का यह सुलभ सही स्थान रहा। लेकिन इस रेलवे स्टेशन को 2016 में बंद कर दिया था।

इस रेलवे स्टेशन को बंद करने के रेलवे विभाग ने कुछ अलग ही कारण बताए थे। रेलवे की तरफ से कहा गया था कि अगर कोई उन सभी मानक पर खरा नहीं उतरता है तो उसको बंद कर दिया जाता है। तो चलिए अब हम जानते हैं उसके पीछे की क्या-क्या वजह है।

इस कारण हुआ बंद

रेलवे अधिकारियों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे ने कुछ मानक निर्धारित किए थे। जिसकी वजह से अगर कोई यात्री उन पर खरा नहीं उतरा तो रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मेन लाइन पर कोई भी स्टेशन नहीं है। वहां पर कम से कम 50 टिकट कटनी चाहिए। अगर कोई स्टेशन ब्रांच लाइन पर है तो वहां कम से कम 25 टिकट बिकने चाहिए। भारतीय रेलवे के द्वारा तो रेवेन्यू के अनुसार खरा ना उतरने पर इस स्टेशन को बंद कर दिया गया।

गांव वालों ने फिर से शुरू करवाया

रेलवे स्टेशन को बंद होने के बाद में दयालपुर और उसके आसपास के गांव के लोगों ने कई बार उसे शुरू करवाने की अर्जी लगाई। सन 2022 में रेल मंत्रालय के द्वारा इस रेलवे स्टेशन को वापस से खोल दिया गया। वहां पर लोगों ने इस बात को तय कर लिया कि इसको अब बंद नहीं होने देंगे। लोग आपस में चंदा जुटाकर हर दिन कम से कम टिकट बेचने का लक्ष्य पूरा करते हैं। इस रेलवे स्टेशन को केवल हॉल्ट के रूप में खोला गया है। यहां मात्र एक और दो ट्रेन ही पूरे दिन में रुकती हैं।

error: Alert: Content selection is disabled!!