वैसे तो चाय के शौकीन आपको दुनिया में मिल जाएंगे पर भारत में चाय की चुस्की लेने वालों का अंदाज निराला है। गंगा का घाट हो या भीड़ भरा बाजार, विश्वविद्यालय के पास का चौराहा हो या गली नुक्कड़ पर मौजूद टी स्टॉल, हर जगह आपको चाय की चुस्की लेने वालों के नजारे दिख जाएंगे।
जेठ की दुपहरी में भी चाय पीने वालों की दीवानगी ठंडा पीने के शौकीनों पर भारी पड़ती है। आज हम आपको एक ऐसे टी शॉप के विषय में बताने जा रहे हैं जहां चाय पीने वालों का ऐसा जमावड़ा होता है कि कभी-कभी भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ता है।
इस टी शॉप का नाम है टिंबर हट और शहर का नाम है भोपाल। मध्य प्रदेश में भोपाल के एमपी नगर नामक स्थान पर जाएं तो टिंबर हट पर आपको चाय की चुस्की लेने वालों की इतनी भीड़ दिखेगी कि आप दंग रह जाएंगे। टिंबर हट की चाय पीने के लिए दूरदराज से भी लोग पहुंचते हैं। कारण यह है कि लोगों की माने तो यहां की चाय पीकर जो सुकून मिलता है वह अन्य जगहों पर नहीं मिलता।
छात्रों की पहली पसंद है टिंबर हट की चाय
टिंबर हट के आसपास के जितने भी क्षेत्र हैं, वहां के लोग चाय पीने के लिए यही पहुंचते हैं। विशेष रूप से छात्रों की पहली पसंद है टिंबर हट। शाम होते ही यहां छात्र-छात्राओं की चाय पीने के लिए भीड़ बढ़ने लगती है। कई बार तो ऐसा होता है कि चाय प्रेमियों को अपनी बारी का काफी देर तक इंतजार भी करना पड़ता है। प्राय: स्टूडेंट्स बाइक या स्कूटी से आते हैं और सड़क पर ही इधर-उधर खड़ी कर देते हैं जिससे यातायात में बाधा होती है। इसीलिए अक्सर पुलिस आकर बाइक और स्कूटी को साइड करवा कर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करवाती है।
खालिस देसी और सामान्य तरीके वाली होती है टिंबर हट की चाय
टिंबर हट के संचालक धर्मेश बताते हैं कि हमारी चाय में चाय की पत्ती, चीनी, अदरक, दूध और इलायची के अलावा किसी अन्य चीज का प्रयोग नहीं होता। इसे बिल्कुल वैसे ही बनाते हैं जैसे घर पर चाय बनाई जाती है। लगभग आधा घंटा तक अच्छी तरह से पकाने के बाद ही चाय केतली में डालते हैं।
शायद यही वजह है कि यहां पर चाय पीने वालों को घर जैसा जायका मिलता है और वह टिंबर हट पर आकर घर की चाय वाली संतुष्टि प्राप्त करते हैं। धर्मेश यह भी बताते हैं कि लगभग 10 वर्षों के व्यवसाय और उस उसको प्रोत्साहन देने में स्टूडेंट्स की बहुत अहम भूमिका रही है। यहां के छात्र-छात्राएं हमारे नियमित और भरोसेमंद ग्राहक हैं।