उत्तर प्रदेश के प्रयागराज रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। स्टेशन का प्रारूप इस तरह से तैयार किया गया है कि उसे देखकर किसी पांच सितारा होटल या अत्याधुनिक एयरपोर्ट का आभास होता है। इस रेलवे स्टेशन को तैयार करने के लिए पैसे भी खूब खर्च किए जा रहे हैं।
प्रयागराज में वर्ष 2025 में महाकुंभ मेले का आयोजन होना है। राज्य सरकार की योजना है कि महाकुंभ के आयोजन के पूर्व ही इस महत्वाकांक्षी कार्य को अंजाम दे दिया जाए। अनुमान है कि 950 करोड़ रुपए की लागत से यह पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। भारतीय रेलवे के अनुसार प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं दी जाएंगी जिसमें स्काईवॉक, एस्केलेट, लिफ्ट शामिल हैं।
पुनर्निर्माण के बाद 100 चार पहिया वाहनों की पार्किंग की क्षमता वाले प्रयागराज स्टेशन की क्षमता 600 चार पहिया वाहनों के पार्किंग की हो जाएगी। यात्रियों के लिए डबल बेड वाले तथा वाई-फाई की सुविधा से लैस 3 एसी और नॉन एसी रिटायरिंग रूम बनाए जा रहे हैं।
उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन पर एयरपोर्ट की तर्ज पर बोर्डिंग की भी सुविधा प्रारंभ की है। जैसा की विधित है कि वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने इलाहाबाद स्टेशन का नाम बदल दिया था, फिर उसका नाम प्रयागराज रेलवे स्टेशन कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार इस रेलवे स्टेशन को अगले साल महाकुंभ मेले से पहले तैयार करना चाहती है, इसी वजह से वहां पर तेजी से काम चल रहा है। यह यूपी ही नहीं बल्कि पूरे भारत का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है जो किसी फाइव स्टार होटल तथा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरह दिखता है। इस वजह से जो यात्री भी वहां जाएगा, फिर उसे वहां से आने का मन नहीं करेगा। इससे साफ है कि लोगों को वहां पर जाने के बाद कभी भी बोरिंग नहीं लगेगा।