हनुमान जी को भक्त शिरोमणि कहा जाता है। कलयुग में हनुमान जी ही एकमात्र जागृत देव हैं जो सशरीर विद्यमान हैं। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की आराधना करने से सभी देवी देवताओं की पूजा सिद्ध मानी जाती है। हनुमान जी को संकटमोचक कहते हैं। क्योंकि कैसी भी विकट समस्या हो, हनुमान जी अपने भक्तों का हर कष्ट हर लेते हैं।
ज्योतिष में मंगलवार का दिन हनुमानजी की उपासना के लिए बहुत शुभ माना जाता है। कभी कभी जीवन में ऐसा भी समय आता है जब लगता है की समस्याएं खत्म ही नहीं हो रही हैं और कोई रास्ता नहीं सूझता ऐसे में यदि जातक सच्चे व शुद्ध ह्रदय से हनुमानजी की उपासना करे तो हनुमान जी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हुए समस्त संकट और दुख हर लेते हैं। लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि हनुमान जी की पूजा आराधना एक नियम व विधि विधान के अनुसार की जाए।
क्योंकि मंगलवार का दिन हनुमानजी की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है इसलिए इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ विधि विधान से करने पर हनुमान जी अपने भक्तों की अभिलाषा को पूर्ण करते हैं अतः अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए हनुमान चालीसा पढ़ कर हनुमत साधना करें।
पाठ विधि
ज्योतिषविदों के अनुसार मंगलवार के दिन प्रातः स्नान करके हनुमान जी की फोटो या मूर्ति को अपने सामने रखें। साथ ही पूजन का सामान जैसे तुलसी की माला, फल- फूल व मीठा एक थाली में सजाकर हनुमानजी को अर्पित करें। याद रखें कि हनुमान जी को अपने हाथों से तुलसी की माला अवश्य पहनाएं। इसके उपरांत आंख बंद कर प्रणाम करते हुए हनुमान जी के समक्ष अपनी मनोवांछित इच्छा व्यक्त करें, फिर 11 बार लगातार उसी स्थान पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
पाठ के समय ध्यान रखने योग्य बातें
- हनमान चालीसा पढ़ते हुए उसकी अंतिम चौपाई “तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजे नाथ हृदय महं डेरा” में गोस्वामी तुलसीदास के स्थान पर अपना नाम लें।
- मान्यता के अनुसार इस उपाय में अपना नाम लेने से हनुमान जी आपका कार्य निश्चित सिद्ध करेंगे। इस उपाय को लगातार 11 दिन तक करें।
- हनुमत आराधना का यह उपाय मंगलवार से ही प्रारंभ करना श्रेयस्कर होगा। 11 दिन लगातार हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद हनुमान जी को फल व मीठे का भोग लगाकर पूजा संपन्न करनी चाहिए।