इस धरती पर कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो आयुर्वेदिक और औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इन पेड़-पौधों की पत्तियों से लेकर, जड़ें तथा फूल भी कई गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज में सहायक हैं। इन्हीं में से एक है पारिजात का पेड़। पारिजात को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है। पारिजात की पत्तियों तथा फूलों से आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार के बुखार, खांसी और गठिया तक का इलाज संभव है।
पारिजात का रस काफी कड़वा होता है, लेकिन इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों की गिनती भी काफी ज्यादा है। ये एक टॉनिक के रूप में काम करता है। पारिजात के फूल काफी सुगंधित होते हैं और ये रात के वक्त खिलते हैं। इस पेड़ के आस-पास के वातावरण में इसके फूलों की खुशबू फैल जाती है। ये फूल सफेद रंग के होते हैं, जो गैस्ट्रिक और श्वसन समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद हैं। इसके अलावा इस पेड़ के तने से बने पाउडर का उपयोग जोड़ों के दर्द और मलेरिया को ठीक करने के लिए किया जाता है।
घुटने के दर्द का इलाज
पारिजात की पत्तियों और फूलों से बने तेल का प्रयोग गठिया संबंधी घुटने के दर्द के इलाज में फायदेमंद होता है। इसलिए गठिया रोग से राहत पाने के लिए पारिजात की पत्तियां एक बेहतरीन उपाय है।
अस्थमा का इलाज
पारिजात की पत्तियों से बनी चाय खांसी, सर्दी और गले की खराश को कम करने में काफी बेहतरीन साबित हुई हैं। इसमें इथेनॉल अर्क होता है, जो ब्रोन्कोडायलेटर के रूप में कार्य करता है। इससे अस्थमा तक का इलाभ भी संभव है।
ज्वरनाशक
पारिजात की पत्तियां ज्वरनाशक के तौर पर जानी जाती हैं। इससे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया सहित विभिन्न प्रकार के बुखार का इलाज किया जाता है। साथ ही साथ यह उन जीवों की परजीवी वृद्धि को भी रोकता ,है जो बुखार का कारण बन सकते हैं। यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने में भी मदद करता है।
इम्युनिटी बूस्टर
पारिजात इम्यूनोस्टिम्युलेटरी के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसमें इथेनॉल की उपस्थिति होती है, जो प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाने में मदद करती है।
एंटी-एलर्जिक और जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर
पारिजात की पत्तियों का तेल एंटी-एलर्जी, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल के रूप में अच्छा काम करता है। इसके अलावा, यह स्टैफ संक्रमण और कुछ अन्य फंगल संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है।