Pandavas settled these 5 villages: हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों में शामिल महाभारत काल के पांडवों ने कई ऐसे काम किए जिनके सबूत आज भी पाए जाते हैं। उस दौर में पांडवों के स्वभाव के चर्चे काफी हुआ करते थे। महाभारत को दुनिया का सबसे भयंकर युद्ध मानते हैं जिसमें 18 दिनों के अंदर दोनों सेनाओं के करोड़ों योद्धा मार दिए गए थे। क्या आप जानते हैं कि दुर्योधन ने कई चालाकी की लेकिन ये युद्ध टला नहीं।

इस युद्ध के चर्चे आज भी होते हैं, कुछ चीजें थीं जिनके कारण महाभारत टल सकता है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और 5 गांव बसाने पड़े थे। उन गावों को आज शहर के रूप में देखा जा सकता है। चलिए हम आपको ऐसे 5 गांव के नाम बताएंगे जो आज शहर बन चुके हैं।
पांडवों ने बसाए थे ये 5 गांव (Pandavas settled these 5 villages)
1. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पांडवों ने कौरवों से 5 गांव मांगे थे जो इंद्रप्रस्थ जो दिल्ली में है। दुर्योधन ने इन्हें देने से मना किया था तो इसका नतीजा ये हुआ कि महाभारत का युद्ध हुआ और 1 लाख लोग मारे गए।
2. पांडव महाभारत का युद्ध नहीं करना चाहते थे इसलिए दुर्योधन से हस्तिनापुर साम्राज्य में सिर्फ 5 गांवों की ही मांग की थी। इन पांच गावों में से 3 का नाम तो फेमस है लेकिन 2 के बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
3. पांडवों ने 5 गांव पानीपत, सोनीपत, तिलपत, बागपत और वारणावर्त मांगे थे। इनमें से पानीपत और सोनीपत का नाम फेमस है लेकिन बाकियों के बारे में कम जानकारी ही सामने आई है।
4. पानीपत की पहचान इंडस्ट्रियल सिटी के नाम से होती है जबकि सोनीपत स्पोर्ट्स के मामले में आगे है। दिल्ली के पास पश्चिमी यूपी में बागपत शहर है जहां खेती होती है। ऐसी मान्यता है कि पौराणिक काल में इस जह पर बाघ पाए जाते थे इसलिए इस जगह का नाम व्याघप्रस्थ था लेकिन मुगलों ने इसका नाम बागपत कर दिया था।
5. तिलपत एक छोटा सा शहर है जो दिल्ली एनसीआर के फरीदाबाद में है। पांचवा गांव वारणवर्त को बरनावा के नाम से मशहूर किया गया और ये बागपत जिले में है। इस तरह ये पांच गांवों को पांडवों ने बसाया था जो अलग-अलग जगहों पर स्थित है।