Loan Recovery: आजकल के महंगाई के जमाने में लगभग हर तीसरे व्यक्ति को लोन लेना पड़ता है और जब भी कोई व्यक्ति लोन लेता है तो वह उसके लिए एक मानसिक तनाव का विषय बन जाता है। गरीब लोगों के द्वारा लिया गया लोन उनके लिए एक टेंशन का विषय होता है किंतु अमीरों द्वारा लिया गया लोन कई बार बैंकों के लिए एक परेशानी का सबब बन सकता है।
अमूमन ऐसा होता है कि यदि कोई आम आदमी लोन न चुका पाए तो वित्तीय संस्थाओं द्वारा उसे तरह तरह से डराया और धमकाया जाता है तथा रिकवरी एजेंट के द्वारा परेशान भी किया जाता है। आज के आलेख में हम आपको बताएंगे एक ऐसी खबर के बारे में जिससे यदि आप भी लोन रिकवरी एजेंट से परेशान है तो आपको एक बड़ी राहत मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक नया प्रस्ताव सामने रखा गया है जिसमें कहा गया कि रिकवरी एजेंट किसी भी लोन लेने वाले व्यक्ति को सुबह 8 बजे के पहले व शाम 7:00 बजे के बाद फोन नहीं कर पाएंगे। RBI के जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता का ‘मसौदा निर्देश’ में कहा गया कि बैंकों और एनबीएफसी जैसे रेगुलेटिंग एंटिटीज को मुख्य प्रबंध कार्यों को आउटसोर्स नहीं करना चाहिए।
बैंक को वसूली एजेंट के लिए बनानी चाहिए कोड आफ कंडक्ट
आरबीआई द्वारा कहा गया कि RE को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था में ग्राहकों के प्रति उनके जिम्मेदारी में कोई कमी ना आए। मसौदे के मुताबिक बैंकों और एनबीएफसी को डायरेक्ट सेल्स एजेंट, डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट और वसूली एजेंट के लिए एक कोड आफ कंडक्ट तैयार करना चाहिए। रेगुलेटिंग एंटिटीज को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि DSA, DMA और वसूली एजेंट को इस तरह से ट्रेंड किया जाए ताकि वह इस मामले से जुड़े अपनी सभी जिम्मेदारियां को संवेदनशीलता से निभा सकें।
कर्जदारों के प्रति संवेदनशील हों रिकवरी एजेंट
केंद्रीय बैंक ने अपने निर्देश में यह कहा कि रिकवरी एजेंट द्वारा व्यक्ति से कर्ज वसूलने के लिए किसी भी प्रकार का मौखिक या शारीरिक धमकी या उत्पीड़न करना दंडनीय हो सकता है। वसूली एजेंट कर्जदारों को सार्वजनिक रूप से अपमानित भी नहीं कर सकते और ना ही उनकी गोपनीयता में किसी भी प्रकार का कोई व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर सकते हैं।