क्या सच में बिल्ली के रास्ता काटने से अपशगुन होता है? इस अंधविश्वास के पीछे क्या है सच्चाई? जानकर हो जाएंगे हैरान

हिंदू धर्म में मान्यता है कि बिल्ली के रास्ता काटने से अपशगुन होता है। बिल्ली को सामान्य तौर पर अपशगुन का प्रतीक माना जाता है, लेकिन आज के आधुनिक युग में बहुत सारे लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं। इसके पीछे की वजह क्या है? क्यों लोग बिल्ली को रास्ते रास्ता काटने पर अपशगुन मानते हैं? तो चलिए इस तरह के सवालों के जवाब जानते हैं।

Cat Crossing

शकुन शास्त्र में बिल्ली के बारे में बहुत सी बातें बताई गई है। कहा जाता है कि किसी यात्रा पर जाते वक्त बिल्ली रास्ता काट दे तो वह यात्रा करना अशुभ माना जाता है । एसी मान्यता हमारे समाज में सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि बिल्ली जहां भी जाति वहां नकारात्मकता फैलती है। तंत्र मंत्र शास्त्र में बिल्ली को काला जादू का प्रतीक माना जाता है।

वहीं कुछ लोग बिल्ली को गुडलक की निशानी माना जाता है जिस कारण कुछ लोग अपने घर में बिल्लियां पालते हैं। बिल्ली के रास्ता काटने से अपशगुन होता है इस अंधविश्वास के पीछे वैज्ञानिक कारण आज हम आपको बताएंगे।

दरअसल प्राचीन काल में लोगों का मानना था कि बिल्ली के घर में आने से नेगेटिव एनर्जी आती है। दरअसल बिल्ली ज्यादातर चूहे खाती है और इसके साथ कई तरह के कीड़े मकोड़े भी खाती है। जिसके बाद बिल्ली के घर में आने से संक्रामण फैल सकता है इसलिए बिल्ली को लोग अपने घर में आने नही देते हैं। लिहाज़ा यह धारणा अन्धविश्वास में बदल गई।

बिल्ली से फैली प्लेग महामारी

पिछले जमाने में प्लेग महामारी से बचने के लिए बिल्ली के रास्ता काटने के बाद कुछ देर रुकने का कानून बनाया गया था। बिल्ली चूहे खाती है जिससे प्लेग की बिमारी बनती है जिससे बचने के लिए लॉग बिल्ली से दूर रहा करते थे और थोड़ी देर रुक जाया करते थे। इसलिए बिल्ली के रास्ता काटने का यह वैज्ञानिक कारण अन्धविश्वास में तब्दील हो गया।

पुराने ज़माने में लोगों के घरों में बिजली नहीं हुआ करती थीं जिसके कारण अंधेरे में किसी जानवर के रास्ता पार करते समय लोग थोड़ी देर तक ठहर जाया करते थे मगर समय के साथ लोगों ने यह अन्धविश्वास बना लिया को बिल्ली के रास्ता काटने से अपशगुन होता है।

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