Irrfan Khan: इरफान खान…वो अभिनेता जिसने अभिनय की परिभाषा ही बदल ही। इरफान जब भी स्क्रिन पर आए तो नजर उन्हें छोड़ किसी दूसरे कलाकार पर नहीं जाती थी। लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड में भी अपनी दमदार पहचान बनाई थी। लेकिन जब वे अपने अभिनय और लोकप्रियता के सर्वोत्तम शिखर पर थे तब कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार हो गए और 29 अप्रैल 2022 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
इरफान (Irrfan Khan) चले जरुर गए लेकिन फिल्मों के आशिकों और अभिनय के पारखियों के बीच अब भी वे जिंदा हैं और जिंदा रहेंगे। जैसा हमने बताया कि इरफान को सफलता के लिए जितना लंबा और कड़ा संघर्ष करना पड़ा शायद ही किसी अभिनेता के हिस्से में वो संघर्ष आया हो। मुंबई में अभिनेता बनने गए इरफान को घर चलाने के लिए एक ऐसा भी काम किया था जिसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते।
अभिनय से पहले की पहचान
इरफान खान (Irrfan Khan) एक सफलतम अभिनेता बनने से पहले घर चलाने के लिए एसी मेकैनिक का काम किया करते थे। उन्हें इस काम में बहुत मजा आता था और वे घर घर जाकर लोगों के एसी ठीक किया करते थे। एसी मेकैनिक का काम उन्होंने अपने होम टाउन में ही शुरु कर दिया था। इस काम के साथ ही वे थियेटर भी किया करते थे। थियेटर, अभिनय की प्रेरणा उन्हें अपने मामा से मिली थी जो जोधपुर में थियेटर किया करते थे।
मुंबई में एसी मेकैमिक काम करने के दौरान वे एक बार राजेश खन्ना के घर उनकी एसी ठीक करने गए थे। तब राजेश खन्ना एक सुपरस्टार थे। उन्हें देखकर इरफान के अंदर बुझ रही एक्टर बनने की जिद ने जोर पकड़ा था।
राजेश खन्ना के स्टारडम और लोगों के दिल में उनके प्रति दिवानगी का बयान उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। मुंबई जाने से पहले इरफान ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में अभिनय का प्रशिक्षण लिया था। 3 साल के कोर्स के बाद वे स्कूल की एक्टिंग टीम में शामिल हो गए जिसके लिए उन्हें 300 रुपया महीना मिलता था।
बॉलीवुड से हॉलीवुड तक गूंजा नाम
इरफान खान (Irrfan Khan) ने बॉलीवुड में 1988 में रिलीज फिल्म सलाम बांबे से डेब्यू किया था। इस फिल्म में निभाए उनके छोटे रोल को तो काफी पसंद किया गया लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। एक अभिनेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान फिल्मों और टेलिविजन पर छोटे-छोटे रोल कर वे अपना घर चलाते थे।
2003 में रिलीज फिल्म हासिल ने उन्हें बड़ी पहचान दी। इसके बाद मकबूल, द नेमसेक, लाइफ इन मेट्रो जैसी फिल्मों ने उनकी करियर को संभाला। 2011 रिलीज पान सिंह तोमर ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित कर दिया। इसके बाद ब़लीवुड के साथ साथ उन्होंने हॉलीवुड की द एमेजिंग स्पाइडर मैन, लाइफ ऑफ पाइ, जुरासिक वर्ल्ड, इनफर्नों में काम किया।
अहम फिल्में और अवॉर्ड
बॉलीवुड में पान सिंह तोमर से स्थापित होने के बाद इरफान ने द लंच बॉक्स, पीकू, तलवार, न्यूयॉर्क, हैदर, गु्ंडे, हिंदी मीडियम, अंग्रेजी मीडियम, मदारी, करीब करीब सिंगल जैसी फिल्में की जिसमें उनके अभिनय के अलग अलग रंग देखने को मिले थे।
इरफान के पास बॉलीवुड को देने के लिए बहुत कुछ था जिसे वे अपने साथ लिए ही चले गए। उन्हें अभिनय के क्षेत्र में योदगान के लिए 2011 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें एक नेशनल अवॉर्ड, 6 फिल्म फेयर अवॉर्ड मिले थे। इरफान बॉलीवुड की तरह ही हॉलीवुड में भी प्रसिद्ध थे। उनके निधन पर हॉलीवुड ने भी शोक जताया था।