टू व्हीलर गाड़ियों का क्रेज कभी कम नहीं होता है। इसीलिए इनकी मांग व उत्पादन के ग्राफ में हमेशा वृद्धि देखी जाती है। इस वर्ष दो पहिया वाहनों की बिक्री पर नजर डालें तो Ola इलेक्ट्रिक ने 30,000 से भी ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचकर देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी बनने का गौरव प्राप्त किया है।

प्राप्त जानकारी व आंकड़ों के अनुसार कंपनी ने पिछले महीने 30 हजार इलेक्ट्रिक स्कूटर का रजिस्ट्रेशन किया है। इस प्रकार इस त्यौहार के सीजन में कंपनी की मंथली ग्रोथ 30 प्रतिशत दर्ज की गई। ओला की वजह से अन्य कंपनियों को तगड़ा नुकसान हो रहा है।
बिक्री का बढ़ रहा ग्राफ
यदि बात करें ओला इलेक्ट्रिक की सेल्स की तो लास्ट इयर की तुलना में कंपनी की सेल में 82% की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज करने के साथ ही पिछले माह में कंपनी की बाजार में कुल 35% की हिस्सेदारी देखी गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल ओला इलेक्ट्रिक अपने सेगमेंट में नंबर-1 स्थान प्राप्त करने में सफल रही है। इस संबंध में ओला इलेक्ट्रिक के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर अंशुल खंडेलवाल ने जानकारी दी है कि ग्राहकों के विश्वास के भरोसे ही हमने इस शानदार सेल्स का रिकॉर्ड दर्ज किया है और उम्मीद है कि इस वर्ष के आखिर तक यह क्रम जारी रहेगा।
ई-स्कूटर के डिजाइन में परिवर्तन के साथ मार्केट में किया पेश
कंपनी ने S1 सीरीज के अपने स्कूटर को एक नए एयर मॉडल के साथ मार्केट में उतारा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये कंपनी का सबसे सस्ता व किफायती इलेक्ट्रिक स्कूटर भी है। इस मॉडल में कंपनी ने ग्राहकों की सुरक्षा व बचत को ध्यान में रखकर कुछ परिवर्तन किए हैं। पीछे बैठने वाले पैसेंजर की सुरक्षा के लिए ओला ने अपने स्कूटर में सीट के पास एक सपोर्टिंग एंगल दिया है। हालांकि ये एंगल पर्याप्त पीछे तक नहीं जाते हैं जिस वजह से पीछे बैठने वाला अपने आपको संभवतः पूरी तरह से सुरक्षित नहीं महसूस करता था। अब कंपनी ने इस कमी की क्षतिपूर्ति अपने S1 स्कूटर में फुट रेस्ट देते हुए कर दी है।
बैक पैसेंजर के लिए पहले से अधिक सुविधाजनक
दरअसल ओला स्कूटर के चलते समय कई बार झटके लेने के कारण पीछे बैठने वाला सहज नहीं हो पाता था या उसे गिरने का भय बना रहता था। इसीलिए Ola S1 में सपोर्टिंग एंगल को घुमाकर पीछे की तरफ कर देने की वजह से बैक पैसेंजर सहज खोकर बैठ पाता है। इस सुविधा के चलते Ola S1 प्रो व S1 में ग्राहकों को अलग से बैक रेस्ट लगाने की जरुरत नहीं पड़ती है। इस वजह से उन्हें एक्स्ट्रा रकम खर्च करनी पड़ती थी।