कुछ ही दिनों पहले एक अंतर्राष्ट्रीय खबर सुर्खियों में थी कि अमेरिका के एक झरने से जल प्रवाह के स्थान पर आग की लपटें गिरती हुई दिखाई देती हैं। हालांकि इसे दृष्टिभ्रम बताया गया, क्योंकि सूर्य की किरणें जब एक विशेष एंगल से झरने के बहते हुए पानी से टकराती हैं तो उनके परावर्तन के परिणाम स्वरूप ऐसा महसूस होता है कि वो पानी की जगह आग की लपटे हैं।
इसी से मिलती-जुलती एक घटना चीन के युन्नान प्रांत के मेरी हिम पर्वत पर देखने को मिल रही है। कहा जा रहा है कि वह पहाड़ बर्फ से पूरी तरह ढका हुआ है, लेकिन फिर भी वहां पर आग लग जाती है। यह सुनकर लोग सोच में पड़ जाते हैं कि ऐसा कैसे संभव है? तो चलिए अब हम इसकी पूरी सच्चाई जानते हैं।
मेरी हिम पर्वत पर आग लगने की सच्चाई
तिब्बती बौद्धों की पवित्र भूमि माना जाने वाला यह हिमशिखर अपनी सुंदरता के लिए तो विख्यात है। इसकी विशेषता यह है कि सूर्य की किरणे पर्वत पर पड़ते ही ऐसा प्रतीत होता है कि बर्फ से ढके इस पर्वत पर आग लगी हो। मेरी हिम पर्वत की इस विशेषता को देखने के लिए दुनिया भर के लोग यहां आते हैं।
आपको बता दें कि इस पर्वत का मुख्य शिखर कावागेबो समुद्र तल से लगभग 22000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह युन्नान प्रांत की सर्वाधिक ऊंची चोटी है और संभवत अब तक वहां कोई नहीं पहुंच सका है।
Orographic clouds lit up by a setting sun producing the illusion of flames on top of this mountain.
— Science girl (@gunsnrosesgirl3) June 6, 2023
This is the Meri mountains,Yunnan, China
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इन दिनों मेरी हिम पर्वत बहुत चर्चा में बना हुआ है, क्योंकि लोगों को लगने लगा कि वह पहाड़ बर्फ से ढका होने के बाद भी वहां पर आग लग जाती है। इसी वजह से पूरी दुनियाभर से हजारों लोग वहां पर उस धधकती आग की लपटें को देखने के लिए आते हैं।
जब सूर्योदय के समय उस बर्फीली पर्वत पर सूर्य की किरणें पड़ती है तब देखने से ऐसा लगता है कि वहां पर आग लग गई है, लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ होता नहीं है। इसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसे आप देख सकते हैं। उस वीडियो का लिंक हमने ऊपर दिया है ताकि आपको भी सब कुछ समझ में आ आए।