बदलता मौसम और प्रदूषण के चलते अक्सर लोगों में खांसी की समस्या होने लगती है और एक बार खांसी शुरू हो जाए तो ये लंबे समय तक चलती है। इसके चलते लोग बहुत परेशान हो जाते हैं। कभी-कभी पुरानी खांसी जानलेवा भी साबित होती है।
अगर आप भी बहुत समय से खांस रहे हैं और बहुत सी दवा ट्राई कर चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा, तो आज हम आपको एक खास नुस्खा बताने जा रहे हैं, जिसे अगर आप सही तरह से अपनाएंगे तो आपको खांसी से राहत मिल सकती है। आईए जानते हैं
पुरानी खांसी के लिए अपना ही आयुर्वेद का ये नुस्खा
आयुर्वेदिक बहुत से ऐसे कमाल के नुस्खे हैं जो हमारी बीमारियों पर काफी असरकारक हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि जिस बीमारी पर अंग्रेजी दवा काम नहीं करती, आयुर्वेदिक दवा उस बीमारी को जड़ से दूर कर देती है। आयुर्वेद दवाओं में खासकर काढ़ा शामिल होता है, खांसी की इलाज के लिए काढ़ा बहुत ही ज्यादा असरकारक होता है।
स्वास्थ्यवर्धक हैं अमरूद के पत्ते
आयुर्वेद में अमरूद के पत्तों को सेहत के लिए वरदान बताया गया है। इसमें पाए जाने वाला विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। इतना ही नहीं अमरूद के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो खांसी को ठीक करने में काफी मदद करते हैं। अगर आप अमरूद के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करेंगे तो आपको कुछ ही दिनों में आराम मिलने लगेगा। लौंग में एंटी माइक्रोबॉयल गुण होता है, जो खांसी में काफी राहत पहुंचाता है।
लौंग और अमरूद के पत्ते का काढ़ा
अमरूद के पत्ते और लौंग को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पुरानी से पुरानी खांसी को ठीक कर सकता है। अमरूद के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए आपको पत्तों को साफ पानी में धोकर एक पैन में उबालने के लिए रख देना है, इसी में कुछ लौंग डाल देनी है। जब तक पानी उबलते-उबलते आधा न रह जाए, तब तक आपको इस मिश्रण को उबालना है और काढ़े के रूप में तैयार करना है। इसके बाद इसमें एक चम्मच शहद या गुड़ डाल दीजिए। इस काढ़े को छानकर रख दीजिए, जब ये गुनगुना रह जाए तो उसे पी लीजिए। आपकी खांसी में राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।
अगर आप अमरूद के पत्ते और लौंग को काढ़े की तरह नहीं पीना चाहते हैं तो आप इसका चूर्ण बनाकर इसे फांक सकते हैं। इसके लिए आपको अमरूद के पत्ते को धूप में अच्छी तरह सुखाना होगा, जब ये सूख जाएं, तो इसे मिक्सी में लौंग के साथ पीस लेना होगा। जब ये पाउडर के रूप में बन जाए, तो गुड़ या शहद वाले हर हल्के गर्म पानी के साथ इसका सेवन कीजिए, फायदा आपको नजर आने लगेगा।