फ्लैट खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों को दिया बड़ा झटका, अब नहीं होगा किसी के साथ धोखा

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए फ्लैट ओनर्स के हक में फैसला सुनाया है, साथ ही ये फैसला बिल्डर्स के लिये भारी पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मालिक के अपार्टमेंट या फ्लैट पर कब्जा करने के बाद भी उन सुविधाओं के लिये दावा करने का अधिकार रखते हैं, जो जिनके लिये बिल्डर्स ने उनसे वादे किये थे।

Supreme Court's Decision

सुप्रीम कोर्ट ने उल्लेख किया है कि कई बार फ्लैट ओनर्स अपार्टमेंट पर कब्जा पा लेते हैं। इस दौरान बिल्डर्स के कुछ वादे अधूरे ही रह जाते हैं, लेकिन उन सुविधाओं का दावा करने का अधिकार फ्लैट ओनर्स के पास होता है।

दरअसल, फ्लैट के मालिक ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी कि बिल्डर ने कंप्लीशन प्रमाण पत्र और खेलने की जगह, कम्युनिटी हॉल कम ऑफिस, पानी की आपूर्ति, बागवानी, जेनरेटर सेट, जिम आदि नहीं दी थी, जिसका वादा किया गया था। ये मामला पहले नैशनल कंज्यूमर फोरम के पास गया था, जिस पर फोरम ने शनल कंज्यूमर फोरम ने फ्लैट मालिकों की ओर से मुआवजे के दावे को रद्द कर दिया था और कहा था कि उन्होंने फ्लैट पर कब्जा कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

उच्चतम न्यायालय के जस्टिस एस रवींद्र भट्ट की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। मामले को सुनवाई के लिए दोबारा नैशनल कंज्यूमर फोरम को भेज दिया गया है।

बिल्डरों को पूरे करने होंगे वादे

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान नैशनल कंज्यूमर फोरम की भी आलोचना की और कहा ये समझ पाना मुश्किल है कि कि नैशनल कंज्यूमर फोरम ने किस आधार पर ये फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने नैशनल कंज्यूमर फोरम की आलोचना करते हुए कहा कि फोरम को मौजूदा दौर की वास्तविकता को समझना चाहिए। खरीददार हमेशा लोन आदि के माध्यम से फ्लैट खरीदते हैं।

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