छोटे बच्चों के मन मे कई सवाल आते हैं, उनकी जिज्ञासा बहुत होती है। शायद आपको भी अपने बचपन में, आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर नारियल के अंदर पानी कहां से आता है? क्या आपको पता है?

इसके बारे में दुनिया के बहुत सारे लोग जानना चाहते होंगे, लेकिन अधिकतर लोगों को इसके बारे में कुछ भी नहीं मालूम नहीं होगा। लेकिन अब आपको ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है, क्योंकि आगे हम आपको बताने वाले हैं कि नारियल के अंदर पानी कहाँ से आता है।
नारियल के पानी में कहां से आता है पानी?
नारियल, जिसका पानी हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। पर आखिर ये पानी नारियल के अंदर आता कहा से है और कैसे? तो चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब क्या है।
आपने देखा होगा कि नारियल के पेड़ ज्यादातर समुंदर के किनारों पर लगे होते हैं। दरअसल, नारियल के पेड़ को बढ़ने के लिए बहुत ज्यादा सूर्य के प्रकाश की जरूरत होती है। नारियल का पेड़ लगभग तीस मीटर यानी सौ फुट तक बढ़ सकता हैं। एक नारियल का पेड़ एक साल में कम से कम 75 नारियल के फल उगाता है। दुनिया के 75% नारियल, इंडोनेशिया, फिलीपींस और भारत में उगाए जाते हैं।
तो चलिए अब जानते है कि आखिर नारियल में पानी आता कहा से है। नारियल के पेड़ की जड़े मिट्टी से पानी को अब्सॉर्ब करती हैं, इस क्रिया को ऑस्मोसिस कहा जाता है। यही पानी नारियल के पेड़ के अन्य भागों तक पहुंचाया जाता है, उसमें से कुछ पानी नारियल तक पहुंचता है। जो पानी नारियल तक पहुंचता है उसे इंडोस्पर्म कहते हैं।
यह इंडोस्पर्म नारियल की ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो आगे जाकर क्रीमी टिश्यू में तब्दील हो जाता है और नारियल के अंदर वाले हिस्से में जमा हो जाता है। कुछ दिन बाद ये क्रीमी टिश्यू सॉलिड फॉर्म में जम जाते हैं, जिसे हम नारियल के अंदर की मलाई कहते हैं।
बचा हुआ इंडोस्पर्म लिक्विड फॉर्म में नारियल के अंदर ही रहता है जो कि मीठा पानी होता है। तो अब आप समझ गए होंगे कि नारियल के अंदर का पानी और कुछ नहीं बल्कि मिट्टी से अब्सॉर्ब किया हुआ पानी ही होता है।