इस दुनिया में, जहां हम रहते हैं, वहा हमारे आस पास काफी शोर शराबा हैं। आजकल सब अपने काम में इतना व्यस्त रहने लगे हैं कि चुप रहना तो किसी के लिए संभव ही नहीं लगता। किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि जो लोग बुद्धिमान होते हैं वो कम बोलते हैं और जो मूर्ख होते हैं, उनकी आदत होती हैं बोलते रहने की। बोलने बोलने का भी फर्क होता हैं।

अगर आपको लगता हैं कि आप कम बोलते हैं या फिर चुप रहते हैं, तो ये आपकी कमी है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह खूबी हर किसी मे नही होती। आपकी यही खूबी आपको औरों से ज्यादा बुद्धिमान और सफल बना सकता हैं। चुप रहने के शरीर को और भी कई फायदे होते हैं। चलिए जानते हैं क्या।
खुद को बेहतर जानने में मदद करता है
जब आप शांत रहते हैं, चुप चाप बैठे होते हैं, तो अपने शरीर और मन के प्रति अधिक जागरूक हो जाते हैं। ऐसे में आप खुद पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं। आपको अपने विचारों और भावनाओं को देखने समझने का मौका मिल जाता हैं।
तनाव दूर करता है
आज के इस भागमभाग जीवन मे अधिकतर लोग स्ट्रेस यानी कि तनाव से ग्रसित होते हैं। परंतु मौन धारण करने से आप खुदको तनावमुक्त महसूस करेंगे। क्योंकि चुप रहने से हमारे शरीर में कोर्टिसोल एड्रेनैलिन का लेवल कम हो जाता हैं जिससे हमें स्ट्रेस कम होता हैं।
शरीर को स्वस्थ बनाता है
जैसा कि हमने जाना कि मौन रहने से तनाव दूर होता हैं, तो हमारे शरीर की आधी बीमारियों की वजह ही तो तनाव हैं। तो इसलिए तनाव कम होने से यह हमारे ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है और इसी कारण हमें अच्छी नींद आती हैं। और अच्छी नींद मतलब अच्छा स्वास्थ्य।
एकाग्रता में सहायक
मौन धारण करने से या फिर कुछ पलों के लिए चुप रहने से, शांत रहने से, हम किसी भी चीज पर अच्छे से ध्यान दे सकते हैं। मौन हमारी एकाग्रता को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। हम शांत वातावरण में अच्छा ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होते हैं।