प्रेगनेंसी में सोने से पहले रोज करें ये काम, वरना हो जाएगा डायबिटीज, रिसर्च में हुआ खुलासा, जानें इसका तरीका

वैसे तो कोई भी बीमारी हो खराब ही होती है, पर डायबिटीज एक बहुत ही बुरी बीमारी है, क्योंकि इसके चलते शरीर में और भी दूसरी बीमारियां होने का डर रहता है। यह हमारे बॉडी पार्ट्स पर बुरा असर डालती है। डायबिटीज हो जाने पर व्यक्ति का मीठा खाना तो बिल्कुल बंद हो ही जाता हैं साथ ही और भी कई तरह की चीजें भी बंद हो जाती हैं।

Lower Risk of Gestational Diabetes

जब एक नॉर्मल व्यक्ति के लिए डायबिटीज इतनी खराब होती हैं, तो गर्भवती महिला के लिए यह कितनी खतरनाक साबित हो सकती हैं, इसका आप अंदाजा लगा ही सकते हैं, क्योंकि अगर गर्भावस्था में यह बीमारी लग जाये तो यह न केवल माँ के लिए बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी घातक हो सकती है।

किसी महिला को अगर शुरुआत से कभी भी डायबिटीज की समस्या नहीं रही, तो यह जरूरी नहीं कि उसे कभी ही भी नहीं सकती। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर मे बहुत से बदलाव होते हैं। हर किसी का शरीर अलग होता हैं इसलिए उनमे प्रेग्नेंसी के सिम्पटम्स भी अलग अलग देखने को मिलते हैं। ऐसे में किसी किसी को शुगर की समस्या भी हो जाती हैं। प्रेग्नेंसी में होने वाली डायबिटीज को गेस्टेशनल डायबिटीज (Gastational Diabetes) कहते हैं।

कुछ महिलाओं में डिलीवरी के बाद यह समस्या अपने आप खत्म हो जाती हैं, पर किसी मे नही होती। इससे बचने के लिए आपको अपने खाने पीने का सही से ध्यान रखना होगा और हल्की फुल्की एक्सरसाइज भी करनी होगी। मॉर्निंग वॉक या फिर इवनिंग वॉक सबसे अच्छा तरीका है।

हाल ही में एक रिसर्च में यह पाया गया है कि अगर कोई प्रेग्नेंट महिला ज्यादा तेज़ रोशनी में रहती हैं तो उसे डायबिटीज होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता हैं। ऐसा क्यों होता हैं इसका कारण अभी तक समझा नहीं गया है, परंतु यह बात स्पष्ट हो गई हैं कि तेज़ रोशनी एक कारण है गेस्टेशनल डायबिटीज होने का।

इससे बचने के लिए आपको रात को सोते समय कमरे की लाइट्स की रोशनी कम रखनी होगी। आप जीरो बल्ब का इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा भी आपको अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, इन सबसे भी दूरी बनाए रखनी होगी, खासकर के रात के समय। ऐसा करने से यह समस्या होने का रिस्क कम हो सकता है।

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