Credit Card New Rule: कुछ बैंकों ने हाल ही में अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों में परिवर्तन किए हैं। इन नए नियमों को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपके क्रेडिट कार्ड का उपयोग प्रभावित कर सकते हैं। आपको अपडेट्स के बारे में समय समय पर सतर्क रहना चाहिए ताकि इन बदलावों को सही से समझ सकें। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट कार्ड के धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है।
अब क्रेडिट कार्ड धारक अपनी पसंद के अनुसार अपने बिलिंग चक्र को एक से अधिक बार बदल सकते हैं। यह पहले की तुलना में एक सुविधा का महत्वपूर्ण बदलाव है। यह नियम हाल ही में लागू हुआ है, जिससे ग्राहकों को अधिक विकल्प और सुविधाएं मिलें।
क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव (Credit Card New Rule)
ग्राहक अपनी सुविधा और पर्याप्त नकदी के अनुसार बिल भुगतान की तारीख निर्धारित कर सकते हैं। आप क्रेडिट कार्ड में ब्याज मुक्त अवधि को अधिकतम कर सकते हैं। एक ही तारीख पर अलग-अलग क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं। ग्राहक का कुल क्रेडिट कार्ड बिल (स्टेटमेंट) हर महीने की 6 तारीख को आता है।
ऐसे में इसका बिलिंग चक्र उस महीने की 7 तारीख को शुरू होगा और अगले महीने की 6 तारीख को खत्म होगा। इस 30-दिन की अवधि के दौरान सभी क्रेडिट कार्ड लेनदेन क्रेडिट कार्ड विवरण पर दिखाई देंगे। इसमें सभी कार्ड भुगतान, नकद निकासी, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान लिस्टेड हैं।
कार्ड के प्रकार और क्रेडिट कार्ड प्रदाता के आधार पर, यह बिलिंग अवधि 27 दिन से 31 दिन तक हो सकती है। अब तक केवल क्रेडिट कार्ड कंपनियां ही यह निर्धारित करती थीं कि ग्राहकों को जारी किए गए क्रेडिट कार्ड के लिए बिलिंग चक्र क्या होगा।
कई बार ग्राहकों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन आरबीआई द्वारा नियम जारी होने के बाद ग्राहक क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकल/अवधि को अपनी इच्छानुसार एक से अधिक बार बदल सकते हैं। बैंक बिल का पूरा बकाया चुकाने के बजाय न्यूनतम भुगतान करने का विकल्प भी देते हैं।
ग्राहकों का क्या है फायदा?
इसका मतलब ये है कि आखिरी तारीख के बाद किए गए सभी लेनदेन पर तब तक ब्याज लगता है जब तक कि कुल बकाया राशि का पूरा भुगतान नहीं कर दिया जाता। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचने के लिए बेहतर है कि तय तारीख तक बिल का पूरा भुगतान कर दिया जाए। अगर कोई ग्राहक अपना बिलिंग चक्र बदलता है, तो उसकी क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान तिथि भी बदल जाएगी।
यह देय तिथि विवरण तिथि के 15 से 20 दिन बाद हो सकती है। ग्राहकों को 45 से 50 दिनों की ब्याज-मुक्त अवधि मिलती है, जिसमें बिलिंग चक्र के 30 दिन और नियत तारीख तक 15-20 दिन शामिल होते हैं। अगर इस समय सीमा के भीतर भुगतान किया जाता है तो कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा।