हिंदू परंपरा और धर्म में कुछ चीजों का महत्व सर्वकालिक है, उसी में से एक हल्दी भी है। हल्दी का नाम लेते ही मन में एक ऐसा आभामंडल छा जाता है जो मंगलकारी, पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत होता है। हिंदू धर्म में हल्दी का प्रयोग सिर्फ खाने के लिए ही नहीं बल्कि पूजा-पाठ, शादी विवाह और पारंपरिक रोग रोधी उपचार के साधन के रूप में भी किया जाता है।
हल्दी आपको हर घर की रसोई में मिल जाएगी। हल्दी खाने का जायका ही नहीं बढ़ाती बल्कि अपने चमत्कारिक औषधीय गुण के कारण आयुर्वेद में भी औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है। शुभ, मंगलकारी और रोग निरोधक हल्दी में इसके अलावा भी ऐसे चमत्कारिक गुण हैं जो आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसीलिए धार्मिक अनुष्ठान में हवन सामग्री में हल्दी का प्रयोग एक आवश्यक सामग्री के रूप में किया जाता है।
ज्योतिष में प्रयोग
गुणकारी हल्दी कई रंगों जैसे पीले, नारंगी व काले रंग की होती है। ज्योतिष शास्त्र में पीली हल्दी बृहस्पति, नारंगी मंगल व काली हल्दी शनि की कारक मानी जाती है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार पीली हल्दी का प्रयोग बृहस्पति को प्रबल बनता है।
अन्य चमत्कारी उपाय
1. जल में हल्दी मिलाकर प्रातः सूर्य को अर्घ्य देने से विवाह संबंधी अड़चन दूर होती है। मस्तक और कंठ भाग पर स्नान के उपरांत हल्दी लगाने से वाणी प्रखर होती है। तिजोरी में या धन रखने के स्थान पर हल्दी कि दो गांठें रख दें, ऐसा करने से धन का अपव्यय नहीं होता।
2. पीले धागे में हल्दी गले में पहनने से बृहस्पति प्रबल होते हैं। शरीर पर हल्दी लगाकर नहाने से नकारात्मक ऊर्जा का क्षय होता है।
3. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु को हल्दी अत्यंत प्रिय होती है। अतः हल्दी का दान करने से नारायण प्रसन्न होते हैं साथ ही मां लक्ष्मी की भी कृपा दृष्टि प्राप्त होती है जिससे जीवन में सुख समृद्धि आती है।
4. हल्दी की गांठ को मौली से बांधकर सिरहाने रखकर सोने से बुरे व डरावने सपनों से निजात मिलती है।