आज के हाईटेक समाज में स्मार्टफोन का यूज हम, आप व सभी कर रहे हैं। क्योंकि स्मार्टफोन हमारे लिए सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं है बल्कि हमारी जरूरत और उपयोगिता के लिहाज से भी जरूरी है। पर शायद आप इस बात से इत्तेफाक रखते होंगे कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय जरा सी असावधानी से हमें लेने के देने पड़ जाते हैं। क्योंकि साइबरक्राइम जैसी घटनाएं इसी असावधानी का नतीजा हैं।
अतः अपने फोन में इंस्टॉल्ड एप पर ध्यान देते रहें और बिना सोचे समझे उन्हें डाउनलोड ना करें। यदि आपके फोन में nSure chat व iKHfaa नामक ऐप हैं तो उन्हें बिना समय गवाएं डिलीट कर दें। मिली जानकारी के अनुसार साइबर हैकर्स इसके जरिए यूजर्स की गोपनीय जानकारी हैक कर रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स की माने तो इन एप्स में मैलवेयर है जो फोन यूजर्स की इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन हैक कर लेता है। इन एप्स को साइबर अटैक के लिए यूज़ किया जाता है।
साइबर सिक्योरिटी कंपनी CYFIRMA के शोधकर्ताओं ने इन एप्स के विषय में यूजर्स को सावधान किया है। प्राप्त सूचना के अनुसार प्ले स्टोर के इन एप्स डेवलपर का नाम Secir IT Industry लिखा हुआ है। इस ऐप का फॉर्मेट ऐसा तैयार किया गया है कि यह यूजर्स के फोन की गैलरी, लोकेशन व कांटेक्ट लिस्ट से भी व्यक्तिगत जानकारी निकाल सकते हैं। रिपोर्ट में ऐसा भी कहा गया है कि इन एप्स का प्रयोग वो हैकर भी कर रहे हैं जो सरकार के लिए सूचना एकत्र करते हैं।
साइबर अटैकर्स देते हैं इस कार्य को अंजाम
CYFIRMA के शोधकर्ताओं के मुताबिक एक खतरनाक हैकिंग ग्रुप Do Not से एप्स के तार जुड़े हैं। 2018 से ही दक्षिण पूर्व एशिया के बड़े संस्थानों पर यह ग्रुप साइबर अटैक कर रहा है। कश्मीर तथा पाकिस्तान के कुछ लोग भी इन साइबर हैकर्स का शिकार हो चुके हैं। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि दक्षिण एशिया के इन साइबर अटैक्स का इन्टेशन क्या था।
हैकर्स से बचने का तरीका
इसके लिए nSure Chat व iKHfaa VPN को Google Play से डाउनलोड ना करें। यदि आपके फोन में यह ऐप है तो उसे तत्काल हटा दें। हालांकि गूगल, प्ले स्टोर को मैलिशियस ऐप से safe रखने के लिए पूरी तरह सजग रहता है।
इन हैकर्स से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यह है कि ऐसे किसी भी ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड ना करें जिसके विषय में आप जानकारी नहीं रखते। ज्यादातर लोग लुभावने विज्ञापन देखकर ऐप डाउनलोड कर लेते हैं और अपना नुकसान कर बैठते हैं।
किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसका रिव्यू पढ़ें। क्योंकि रिव्यू में यूजर्स उस ऐप के विषय में अपना फीडबैक लिखते हैं। यदि किसी यूजर्स ने फीडबैक के माध्यम से डाटा हैक होने की बात कही है तो ऐप को बिल्कुल डाउनलोड ना करें। व्हाट्सएप, टेलीग्राम या ईमेल पर प्रायः लुभावने लिंक्स आते रहते हैं। इस पर क्लिक करने से बचें क्योंकि यहीं पर साइबर हैकर्स आपको फंसा सकते हैं।
अपने मोबाइल पर किसी भी ऐप को डाउनलोड करते समय लोकेशन, कैमरा, गैलरी, कांटेक्ट आदि का एक्सेस बिना चेक किए ना दें। यदि जरूरी ना हो तो बिल्कुल परमिशन ना दें। कहीं पब्लिक प्लेस पर जाकर फ्री वाईफाई नेटवर्क से अपना फोन कनेक्ट ना करें। हो सकता है साइबर हैकर्स इन नेटवर्क के जरिए आपके फोन तक वायरस पहुंचाने में कामयाब हो जाएं।