क्या आप जानते है कि ताज महल बनाने में कितना खर्च हुआ था? जानिए कितने मजदूरों ने मिलकर इसे बनाया था

ताज महल जिसे हम प्रेम का सबसे बड़ा प्रतीक और प्रेम की सबसे बड़ी निशानी कहते हैं और जो दुनिया के सात अजूबों में से भी एक है। आज हम आपको ताज महल से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जिससे शायद काफी सारे लोग अनजान होंगे। हालांकि, ये तो लगभग सभी को पता है कि ताज महल को बनवाने के बाद, शाहजहां ने उन मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे जिन्होंने ताज महल बनाया था।

Taj Mahal

उन्होंने ऐसा क्यों किया ये भी शायद सबको पता ही होगा। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे नही चाहते थे कि आगे चलकर कभी भी कोई और ताज महल जैसी खूबसूरत इमारत बना सके। तो चलिए जानते हैं ताज महल से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जैसे इसे बनाने में कितना समय लगा था, कितना खर्च आया था और कितने मजदूर लगे थे।

कितने दिनों में तैयार हुआ था ताज महल?

तो सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि ताज महल को पूरा बना कर तैयार करने में कुल 22 वर्षो का समय लग गया था। इस इमारत का निर्माण साल 1631 में शुरू हुआ था जो आगे चलकर साल 1653 में पूरा बनकर तैयार हुआ था। ताज महल को लगभग 22 हज़ार मजदूरों ने मिलकर बनाया था और लगभग 1000 हाथियों की मदद ली गई थी।

किन पत्थरो से बना है ताज महल?

इस खूबसूरत इमारत को बनाने का काम शाहजहां ने अफगानी आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी को दिया था। ताज महल को बनाने के लिए सफेद संगमरमर और कुछ कीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।इस इमारत को बनाने में 28 किस्मों के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इन पत्थरों की जो सबसे खास बात है वह ये है कि ये पूरे दिन में रंग बदलते रहते हैं। सुबह सुबह ये गुलाबी रंग का दिखाई देता है, दिन में सफेद रंग का और पुर्णिमा की रात को सुनहरे रंग का नजर आता है।

कहा से आये थे मजदूर और कितना हुआ था खर्च?

ताज महल कुल 42 एकर की ज़मीन में फैला हुआ है। कहा जाता है कि उस समय ताज महल को बनाने में 32 करोड़ रुपए का खर्च आया था, जिसे अगर आज के समय में देखे तो लगभग 7500 करोड़ रुपए होंगे। खबरों के मुताबिक ये पता चला है कि ताज महल को बनाने वाले ज्यादातर मजदूर हिन्दू थे जो कि कन्नौज के रहने वाले थे।

इसके अलावा दुनिया के दूसरे देशों से भी अन्य कलाकारों को बुलाया गया था जैसे ईरान, पोखरा, कश्मीर और मध्य एशिया।

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