सर्वाइकल कैंसर क्या होता है? यह किन-किन महिलाओं में पाया जाता है? जानिए इसके लक्षण और इलाज

पिछले कुछ वर्षों में सर्वाइकल कैंसर के मामले काफी बढ़ रहे हैं।  कम उम्र की महिलाओं में भी ये कैंसर देखने को मिल रहा है। क्या आप जानते हैं कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण क्या है, जिसकी वजह से महिलाओं की मौत तक हो सकती है?

Cervical cancer patient

अगर लक्षणों को अनदेखा किया जाए तो उठाने पड़ सकते हैं बड़े जोखिम। इस वजह से समय रहते उन लक्षणों की पहचना करनी चाहिए, तो चलिए आगे इस लेख में हम आपको इसके लक्षण और बचाव के कुछ उपायों के बारे में बताते हैं :-

क्या है सर्वाइकल कैंसर?

लक्षण और कारण जानने से पहले हमें ये पता होना चाहिए कि सर्वाइकल कैंसर क्या है? अमेरिका कैंसर सोसाइटी के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के नीचे हिस्से में स्थित सर्विक्स के ऊपर की सेल्स में होता है। सर्विक्स हमारे गर्भाशय को बर्थ कैनाल (योनि मार्ग) से जोड़ता है। सर्वाइकल कैंसर उस समय होता है जब शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लगते हैं। स्टडीज की माने तो दुनिया भर में हर साल लाखों महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर की वजह से होती है। 

किन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा होता है ज्यादा? 

सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में ज्यादा होता है लेकिन कुछ वर्षों से इस बीमारी को लेकर चिंताजनक आंकड़े देखने को मिल रहे हैं। आंकड़ों की माने तो कुछ वर्षों में 25 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की महिलाओं में इसके मामले बढ़े हैं। 

इस वायरस की वजह से होता है सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर हुमन पैपिलोमा वायरस यानि HPV की वजह से होता है और ये असुरक्षित यौन संबंध की वजह से फैलने वाला बहुत ही नॉर्मल इंफेक्शन है। कई लड़कियां कम उम्र में फिजिकल रिलेशन बना लेती है और जो लड़कियां उनके साथ फिजिकल रिलेशन बनती है, जिनके कई लोगों से पहले ही संबंध है उनमें ये जोखिम ज्यादा बढ़ सकता है। 

क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा?

सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ाने वाली बहुत से कारण है जैसे कि

धूम्रपान या एचआईवी की वजह से प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना

जो महिलाएं धूम्रपान ज्यादा करती हैं या फिर जिन महिलाओं को एचआईवी है, उनकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है, जिस वजह से एचपीवी संक्रमण तेजी से कैंसर का रूप ले सकता है। 

देर से बीमारी का पता लगा

सर्वाइकल कैंसर में एब्नार्मल ब्लीडिंग की समस्या होती है। महिलाएं इन लक्षणों को ना ही अनुभव कर पाती है या फिर उन्हें वो अनदेखा कर देती हैं, जिस वजह से बीमारी का पता देरी से चलता है और तब ये बीमारी ठीक नहीं हो पाती। 

पैप स्मियर जाँच में कमी होना

सर्वाइकल कैंसर से पहले होने वाले बदलावों के बारे में पता लगाने के लिए पैप स्मियर की जांच की जाती है। कम उम्र में महिलाएं ये जांच नहीं करती, इसका मुख्य कारण है जागरूकता की कमी, डर और स्वास्थ्य सेवाओं तक कम पहुंच। 

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए उठाएं ये जरूरी कदम

  • सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है कि एचपीवी, सर्वाइकल कैंसर और इससे संबंधित नियमित जांच के महत्व के बारे में जानकारी हर महिला तक पहुंचाई जाए। 
  • अगर सर्वाइकल कैंसर के आकड़ो में कमी लानी है तो हर युवा महिला को इसकी जांच के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए बहुत जरूरी है कि स्वास्थ्य से संबंधित सेवाओं को गांव, शहर और हर घर तक पहुंचाया जाए। 
  • पुरुष और महिलाओं में एचपीवी टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है, जिससे सर्वाइकल कैंसर और HPV से रिलेटेड कैंसर से लंबे समय तक सुरक्षित रहने में मदद मिल सके। 
  • अगर आप अपने शरीर में कोई भी अनियंत्रित बदलाव देखे हैं तो तुरंत ही डॉक्टर के पास जाकर इसकी जांच कराएं। 
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