दुनिया की एकमात्र सब्जी जिस पर लगी है बैन, इसे बेचने वालों पर होती है कानूनी करवाई, जानिए इसकी वजह

बाजारों में हर मौसम में तरह तरह की सब्जियां दिखायी देती हैं। इनमें से कुछ तो आम सब्जियों की तरह कम दामों में मिल जाती है, लेकिन कुछ सब्जियों के दाम काफी ज्यादा होते हैं। हालांकि, इन दिनों तो मंडियों में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। हम जिस सब्जी की बात आज के लेख में करने वाले हैं, वो काफी अलग है।

Katrua Vegetable

वैसे है तो ये सब्जी, लेकिन इसका स्वाद बिल्कुल मटन की तरह लगता है। और तो और इसके दाम तो मटन के से बहुत ज्यादा हैं, लेकिन फिर भी इस पर पाबंदी लगी हुई हैं। इस वजह से लोग यह सब्जी खा नहीं पाते हैं तो चलिए अब हम इसके बारे में जानते हैं कि आखिर क्यों इस सब्जी पर पाबंदी लगी हुई है।

आसान नहीं है इस सब्जी को बाजार तक लाना

ये सब्जी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास जंगलों के विशाल हिस्से में पायी जाती हैं। हर साल मानसून के मौसमा में ये महंगी सब्जी उगती है, जिसका नाम है कटरुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार ये एक जंगली और विदेशी सब्जी है, जो साल के पेड़ों की जड़ों के बीच उगती है।

यहां मिलती है ये सब्जी

पहले लोग आसानी से इलाके में जाकर ये सब्जी ले आते थे, लेकिन कुछ समय पहले ही इस इलाके को संरक्षित वन का दर्जा दिया गया है, जिसके बाद इलाके में जाना लोगों को लिये प्रतिबंधित है। हालांकि, प्रतिबंध होने के बावजूद, कटरुआ अभी भी बाजार में दिख जाता है। बाजारों में विक्रेता इसकी अच्छी खासी कीमत वसूलते हैं, क्योंकि इसे पाना भी कठिन है।

कीमत जान कर रह जायेंगे हैरान

कटरूआ दिखने में बिल्कुल जंगली मशरूम की तरह लगता है। कटरुआ पीलीभीत के घने और बाघ-संक्रमित जंगलों में बहुतायत से पाया जाता है। ग्रामीण प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए तड़के जंगल से चोरी-छिपे इसे खोद कर लाते हैं और ऊंचे दामों पर बाजार में बेचते हैं।

इस सब्जी की काफी मांग है और इसकी कीमत 1,000 से 1,500 रुपये तक है। वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के अलर्ट के बाद वन विभाग की बढ़ी निगरानी ने कटरुआ को जंगल से लाना चुनौतीपूर्ण बना दिया है। जब्ती और छापेमारी की कई घटनाएं हुई हैं, लेकिन इससे बाजार में इसकी उपलब्धता में कोई कमी नहीं आई है।

पकाना आसान नहीं

कटरुआ को पकाना भी आसान नहीं है। इसे पकाने से पहले अच्छी तरह सफाई की जरूरत होती है। कहा जाता है कि इसे साफ करने में मटन साफ करने से भी ज्यादा समय लगता है।

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