किसी के भी घर का मुख्य द्वार उस घर के भीतर की परिस्थितियों के लिये जिम्मेदार होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार ही घर के भीतर सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का कारण होता है। जिस तरह आप यहां से अपने घर में प्रवेश करते हैं, उसी तरह सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा करती है। हालांकि, आपको अपने घर में कौन सी ऊर्जा चाहिये, ये आपके हाथ में है। वास्तु शास्त्र इस कार्य में आपकी मदद करेगा।
माता लक्ष्मी भी आपके मेन डोर से ही आपके घर में प्रवेश करेंगी, लेकिन अगर आपकी दहलीज पर ऐसी कोई भी चीज हो, जो उन्हें अप्रसन्न करे, तो वे उल्टे पैर लौट भी जायेंगी। जी हां, आज के हमारे इस लेख में हम आपको घर की दहलीज पर क्या होना चाहिये और क्या नहीं इस बारे में बतायेंगे।
1. किस दिशा में हो दहलीज
पूर्वोत्तर दिशा घर की दहलीज के लिये सबसे अच्छी दिशा है। उत्तर-पूर्व का कोना सुबह के सूर्य के संपर्क में आने के कारण सबसे शुभ होता है। प्रवेश द्वार के लिए दक्षिण दिशा को अशुभ माना जाता है।
2. दहलीज पर न हो ये चीजें
कई लोग मेन डोर को डेकोरेट करने के चक्कर में वहां पौधे लगा देते हैं या फिर कोई फर्निचर बना देते हैं, जो कि वास्तु शास्त्र के अनुसार बिल्कुल भी नहीं होना चाहिये। ऐसा माना जाता है कि ये चीजें प्रवेश द्वार को बपाधित करती हैं। इसके अलावा घर की दहलीज पर जूते चप्पल भी नहीं रखे होने चाहिये। साथ ही जूते चप्पलों की अलमारी भी मेन डोर के सामने ना रखी हो। इससे मां लक्ष्मी नाराज होती है।
3. दहलीज को रखें साफ
घर की दहलीज को हमेशा साफ सुथरी रखें। माता लक्ष्मी उसी घर में प्रवेश करती हैं, जहां दरिद्रता या गंदगी ना हो। अगर आपके घर की दहलीज पर ही कचरा जमा होगा, तो माता लक्ष्मी उल्टे पैर ही लौट जायेंगी।
4. ऐसा हो दरवाजा
हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके दरवाजे पर किसी तरह के स्क्रेच मार्क्स ना हों। घर के प्रवेश द्वार के लिये गोलाकार या स्लाइडिंग डोर बिल्कुल भी ना लगायें। घर का प्रवेश द्वार लकड़ी का ही होना चाहिये।
5. ऐसे प्रवेश करेगी सकारात्मक ऊर्जा
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के प्रवेश द्वार पर थोड़ी सी उठी हुई दहलीज होनी चाहिये। ये नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकती है। दरवाजे के दोनों तरफ स्वास्तिक बनायें।