क्या बार-बार CIBIL Score चेक करना सुरक्षित है? जानिए इस पर RBI का नियम क्या कहता है

RBI Rule on CIBIL Score: सिबिल स्कोर ऐसा है जिसे देखकर बैंक आपको लोन देने के लिए तैयार हो जाती है। सिबिल स्कोर का दायरा 300 से 900 के बीच में होता है। ऐसे में जितना आपका स्कोर 900 के पास रहेगा, उतना आपकी फाइनेंशियल कंडीशन के लिए अच्छा होता है। कोविड के बाद से लोन लेने की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है। इसलिए सभी लोग सिबिल स्कोर से जुड़े हर सवाल को क्लियर करना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में विस्तार से बताया है।

CIBIL Score

फाइनेंशियल तौर पर ये एक बड़ा सवाल है कि आपके सिबिल स्कोर का सही रहना जरूरी है। एक सवाल ये भी है कि अगर हम बार-बार सिबिल स्कोर को चेक करते हैं, तो क्या वो डाउन हो जाता है? तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने पर क्या कहती है आरबीआई (RBI Rule on CIBIL Score)

सिबिल स्कोर ग्राहक की पास्ट हिस्ट्री की एक रिपोर्ट होती है, जो बैंक को बताती है कि कब लोन लिया गया है और कब लोन को पूरा किया गया है। अगर आप खुद सिबिल स्कोर को चेक कर रहे हैं तो आपके सिबिल स्कोर पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी आपके सिबिल स्कोर को चेक करेगी।

जब कंपनी चेक करे तो आपका सिबिल स्कोर डाउन हो सकता है। इसलिए ज्यादा लोन के लिए इंक्वायरी मत करिए। आप अपना सिबिल स्कोर कितनी बार भी चेक कर सकते हैं, उससे कोई भी परेशानी नहीं है। साथ ही कोशिश करिए कि सिबिल स्कोर 800 के ऊपर रहे। अगर नहीं है तो लोन या फिर क्रेडिट कार्ड के बिल्स टाइम से भरिए, जिससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बूस्ट होगी।

साथ में एक साथ ज्यादा लोन लेने से बचना चाहिए। कोविड के बाद से जितने भी लोन लिए गए हैं, उसमें से 30 फीसदी लोन अपने शौक पूरे करने के लिए गए हैं। लोन तो मिल जाता है, पर उसे चुकाने में 1 से 2 EMI आगे खिसक जाती है। जिससे CIBIL Score पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता ही है।

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