उत्तर भारतीय लोगों का मनपसंद स्नैक्स होता है समोसा। आप लोगों ने समोसे तो बहुत प्रकार के खाए होंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसे समोसे के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद खास है। यह समोसा 156 मसाले से तैयार होता है और 150 वर्ष से भी अधिक पुरानी दुकान पर बड़े ही प्यार से लोगों को खिलाया जाता है।
घर पर मसाला तैयार करने के बाद उन मसालों का प्रयोग इस समोसे में किया जाता है जिसके कारण इसका स्वाद बहुत अच्छा लगता है। समोसे में धनिया, जीरा, गोलमिर्च, लहसुन सहित विभिन्न प्रकार के मसाले डाले जाते हैं। इसके अलावा इसमें पनीर भी डाला जाता है।
शहर का सबसे बड़े साइज वाला समोसा
यह समोसा अपने बड़े साइज के कारण बहुत ही मशहूर है। इससे बड़ा समोसा आपको शहर में कहीं नहीं मिलेगा। इस समोसे को पहलवान छाप समोसे के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के छपरा शहर में स्थित इस दुकान को इसकी तीसरी पीढ़ी संभाल रही है। प्रतिदिन लगभग 930 से अधिक समोसों की बिक्री होती है यहां और एक पीस केवल ₹10 में दिया जाता है।
डेढ़ सौ साल पुराना स्वाद अभी भी है बरकरार
यह दुकान छपरा शहर के अंबेडकर चौक पर स्थित है जो पहलवान छाप समोसा के नाम से बहुत ही मशहूर है। डेढ़ सौ साल पुराना होने के बावजूद पहले समोसे का जो स्वाद था, वही आज भी इसमें बरकरार है।
दुकान मालिक के द्वारा क्वालिटी में आज तक किसी भी प्रकार का कोई भी कंप्रोमाइज नहीं किया गया है जिसके कारण आज भी वही स्वाद बरकरार है और लोगों के बीच यह समोसा बहुत ही ज्यादा मशहूर है।
अब तीसरी पीढ़ी संभाल रही है दुकान
दुकानदार शशि भूषण गुप्ता जी ने बताया कि इस दुकान की शुरूआत उनके दादाजी ने की थी, इसके बाद इसे उनके पिताजी ने संभाला था और अब वह इस दुकान को संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी 150 वर्ष पुरानी दुकान पर बनाए जाने वाले समोसों के लिए घर पर 156 मसाले को पीस कर तैयार किया जाता है।
उन्होंने बताया कि आज भी वो तीसरी पीढ़ी के तौर पर इस दुकान को संचालित कर रहे हैं लेकिन उन्होंने कभी भी क्वालिटी में किसी प्रकार का कोई भी समझौता नहीं किया है। साथ उन्होंने यह भी कहा कि जो ग्राहक एक बार उनके पास समोसा खाने आया है वह वहां पर बार-बार जरूर आता है।