आज के दौर में पैसों की बचत करने के लिए हर कोई इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहता है, लेकिन जिन लोगों के पास पहले से पेट्रोल-डीजल की गाड़ियां है वो इसमें फिर से पैसा निवेश नहीं करना चाहेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हम पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में नहीं बदल सकते हैं? तो इसका उत्तर मेरी तरफ से हां होगा।
इस समय कई ऐसी कंपनियां है जो पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बनाने का काम रही है। अब जो कोई भी अपनी गाड़ी को इलेक्ट्रिक में बदलना चाहते हैं उसके मन में सवाल उठ सकता है कि पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए कितना पैसा निवेश करना होगा। इन सभी के बारे में आगे हमने विस्तार से बताया है।
भारत में अधिकतर मिडिल क्लास फैमिली के पास फिलहाल पेट्रोल या डीजल की गाड़ियां होंगी। वहीं, जिन्होंने हाल-फिलहाल में यह गाड़ी खरीदी है वो नई इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीद सकते हैं। ऐसे में उनके पास उसे इलेक्ट्रिक में बदलने का सबसे बढ़िया ऑप्शन है, क्योंकि इसकी वजह से उन्हें पैसों की बचत होगी।
इलेक्ट्रिक में बदलने पर कितनी रेंज मिलेगी?
एक सवाल हर किसी के मन में उठेगा कि यदि हम किसी पेट्रोल या डीजल की गाड़ी को इलेक्ट्रिक में बदल देते हैं तो उससे हमें कितनी रेंज मिलेगी। तो मैं आपको बता दूं कि यह आपके बैटरी की क्षमता के ऊपर निर्भर करता है। जैसे आप अपनी वाहन में 2 kWh लिथियम-आयन बैटरी लगवाते हैं तो उससे आपको 70 किलोमीटर तक की रेंज मिलेगी। वहीं, 22 kWh लिथियम-आयन बैटरी पैक का इस्तेमाल करने पर 150 किलोमीटर तक की रेंज प्राप्त होगी।
पैसा कितना निवेश करना होगा?
अब बात आती है कि पेट्रोल और डीजल की कारों को इलेक्ट्रिक में बदलने पर कितना पैसा खर्च होगा। यह सवाल हर किसी के मन में एक बार अवश्य उठेगा। तो मैं आपको बता दूं कि यदि आप अपनी गाड़ी में 12 किलोवाट की लिथियम आयन बैटरी के साथ 20 किलोवाट की इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल करते हैं तो उसमे 4 लाख रुपये तक का खर्चा आएगा।