तरबूज गर्मियों में सबसे ज्यादा खाए जाने वाला स्वादिष्ट और पसंदीदा फल है। तरबूज आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है, क्योंकि इसमें 90-92% पानी होता हैं। इसमे बहुत सारे पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी6, पोटासियम और लाइकोपीन एवं बीटा-केरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
वैसे तो तरबूज भारत के हर एक छोटे से गांव से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक, हर जगह पाया जाता हैं। सभी कोई इस फल को बहुत ही शौक से खाते भी हैं, पर क्या किसी को पता है कि इसकी पहली फसल कहा उगाई गयी थी? शायद नही। तो चलिए आज हम इसी बारे में चर्चा करेंगे कि तरबूज की शुरुआत कहा से हुई थी और कैसे हुई थी।
तरबूज की शुरुआत कहां से हुई?
तरबूज विश्व के सबसे पुराने फलों में जाना तो जाता है लेकिन इस बात की कोई ठोस जानकारी नहीं है कि इसका अवतार कहा हुआ था। कहा जाता है कि करीब 5000 साल पहले मिस्र के मकबरो की दीवारों के चित्र में तरबूज ही दिखाई देता है। इसके साथ ही तरबूज को लेकर यह भी कहा जाता है कि इसका जन्म अफ्रीका के गर्म रेगिस्तानी क्षेत्रों में हुआ था।
वही से चलकर यह फल मध्य-पूर्व के ईरान, तुर्की आदि देशों से होता हुआ सौदागरों के जरिए भारत में आया था। कहा जाता है कि पहले के तरबूज बाहर से तो धारीदार हरे छिलके के ही होते थे परंतु अंदर से उनका रंग पीला होता था। ऐसा होने का कारण होता है उनमें लाइकोपीन नाम के एंटीऑक्सीडेंट की कमी होना।
वैसे तो तरबूज खीरा, ककड़ी और खरबूजा के परिवार से आता है और इनकी पैदावार गर्मियों में होती है, इसलिए इसे मौसमी फल के रूप में जाना जाता है। हालांकि, एक ऐसा देश भी है जहां इसकी खेती हर मौसम में कई जाती है, वो है मेक्सिको।
गोल या अंडाकार आकार में पाया जाने वाला तरबूज जापान में अपना आकार बदल देता है। जी हां, जापान में चकोर तरबूज भी उगाए जाते हैं। आपको बतादे की मौजूदा समय में विश्व भर में 1000 से भी ज्यादा किस्म के तरबूज पाए जाते हैं।
तरबूज गर्मियों में सबसे ज्यादा खाये जाने वाला बहुत ही स्वादिष्ट और पसंदीदा फल है। तरबूज आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है क्योंकि इसमें 90-92% पानी होता हैं। इसमे बहुत सारे पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी6, पोटासियम और लाइकोपीन एवं बीटा-केरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
वैसे तो तरबूज भारत के हर एक छोटे से गांव से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक, हर जगह पाया जाता हैं। सभी कोई इस फल को बहुत ही शौक से खाते भी हैं, पर क्या किसी को पता है कि इसकी पहली फसल कहा उगाई गयी थी? शायद नही। तो चलिए आज हम इसी बारे में चर्चा करेंगे कि तरबूज की शुरुआत कहा से हुई थी और कैसे हुई थी।
तरबूज विश्व के सबसे पुराने फलों में जाना तो जाता है लेकिन इस बात की कोई ठोस जानकारी नहीं है कि इसका अवतार कहा हुआ था। कहा जाता है कि करीब 5000 साल पहले मिस्र के मकबरो की दीवारों के चित्र में तरबूज ही दिखाई देता है। इसके साथ ही तरबूज को लेकर यह भी कहा जाता है कि इसका जन्म अफ्रीका के गर्म रेगिस्तानी क्षेत्रों में हुआ था।
वही से चलकर यह फल मध्य-पूर्व के ईरान, तुर्की आदि देशों से होता हुआ सौदागरों के जरिए भारत में आया था। कहा जाता है कि पहले के तरबूज बाहर से तो धारीदार हरे छिलके के ही होते थे परंतु अंदर से उनका रंग पीला होता था। ऐसा होने का कारण होता है उनमें लाइकोपीन नाम के एंटीऑक्सीडेंट की कमी होना।
वैसे तो तरबूज खीरा, ककड़ी और खरबूजा के परिवार से आता है और इनकी पैदावार गर्मियों में होती है, इसलिए इसे मौसमी फल के रूप में जाना जाता है। हालांकि, एक ऐसा देश भी है जहां इसकी खेती हर मौसम में कई जाती है, वो है मेक्सिको।
गोल या अंडाकार आकार में पाया जाने वाला तरबूज जापान में अपना आकार बदल देता है। जी हां, जापान में चकोर तरबूज भी उगाए जाते हैं। आपको बतादे की मौजूदा समय में विश्व भर में 1000 से भी ज्यादा किस्म के तरबूज पाए जाते हैं।