इन 5 मौकों पर घर में रोटी बनाने से होता है नुकसान, आज ही जान लें, वरना बाद में होगा पछतावा

पूरे दिन में भोजन में रोटी का होना तो सामान्य बात है। रोटी के बिना तो खाना ही पूरा नहीं होता। ज्यादातर घरों में दिन में दो बार रोटी बनना तो तय ही है। सुबह नाश्ते में और रात के खाने में रोटी खाना अक्सर कई लोगों के घर में निश्चित है, लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ ऐसे विशेष दिन भी होते हैं, जब घर की रसोई में रोटी बिल्कुल भी नहीं बननी चाहिये।

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हिंदु शास्त्रों के मुताबिक इन विशेष अवसरों पर रोटी बनाना अशुभ माना गया है। कई लोग जानकारी के अभाव में ये गलती कर बैठते हैं और उन्हें इसकी भरपाई करनी होती है, लेकिन आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि किस किस अवसर पर आपको अपने घर की रसोई में रोटी नहीं पकानी चाहिये।

1. शीतला अष्टमी

शीतला अष्टमी के दिन भक्त मां शीतला की आराधना करते हैं। शीतला अष्टमी हिंदू महीने चैत्र में कृष्ण पक्ष (घटते चंद्रमा) के आठवें दिन मनाई जाती है और इस तरह होली के आठ दिन बाद आती है।

त्योहार गर्मी के मौसम की शुरुआत में आता है? शीतला की पूजा गर्मी से होने वाली बीमारियों, जैसे कि चेचक, और समृद्धि लाने के लिए भी की जाती है। इस दिन कई घरों में एक दिन पहले बना हुआ या बासी भोजन करने की मान्यता है। कई घरों में तो इस दिन गैस या चूल्हा जलाया ही नहीं जाता। शीतला अष्टमी को भारत के कुछ हिस्सों में बासौड़ा कहा जाता है, जिसका अर्थ है “पिछली रात”। इस लिये शीतला अष्टमी के दिन भूल कर भी रोटी ना पकायें।

2. नागपंचमी

नाग पंचमी पूरे भारत, नेपाल और अन्य देशों में हिंदू, जैन और बौद्धों द्वारा मनाए जाने वाले नाग या सांपों (जो पौराणिक नागा प्राणियों से जुड़े हैं) की पारंपरिक पूजा का दिन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास (जुलाई/अगस्त) के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ये पूजा की जाती है। हिंदु शास्त्रों के अनुसार इस दिन भी रोटी पकाना वर्जित माना गया है और शीतला अष्टमी की तरह इस दिन भी घर में गैस जलाना अशुभ है। तवे को नाग के फन की नकल माना गया है। इसलिए नागपंचमी के दिन तवे को आग पर नहीं रखा जाता है।

3. शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा, जिसे कुमारा पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, नवान्न पूर्णिमा, कोजाग्रत पूर्णिमा या कौमुदी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, अश्विन (सितंबर-अक्टूबर) के हिंदू चंद्र महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन भी रोटी पकाना अशुभ माना गया है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं में निपुण होता है। इस दिन शाम को खीर बनाकर चांदनी में रख दी जाती है और अगले दिन सुबह इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। कहा जाता है कि रात को चांद से अमृत बरसता है।

4. मां लक्ष्मी से जुड़े किसी भी त्यौहार पर

मां लक्ष्मी से जुड़े किसी भी त्यौहार पर घर की रसोई में रोटी बनाना हिंदु शास्त्रों में वर्जित माना गया है। ऐसे में दीवाली के दिन भी गैस पर तवा नहीं चढ़ाना चाहिये, बल्कि पूरी, हलवा या अन्य सात्विक भोजन बनाना चाहिये।

5. किसी की मृत्यु होने पर

घर में किसी की मृत्यू होने पर भी घर में रोटी पकाना काफी अशुभ होता है। हिन्दू धर्म में तेरहवीं का विधान है। मान्यता है कि तेरहवीं के बाद ही घर में रोटियां बनानी चाहिए।

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