Love Marriage: लव मैरिज करने वालों की बढ़ी टेंशन, अब घरवालों की परमिशन के बिना नहीं कर सकते शादी, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Love Marriage: प्यार करना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन प्यार करने वालों को शादी करने में कई मुश्किलें आती हैं। आज भी देश के कई परिवारों में लव मैरिज को स्वीकार्यता नहीं मिलती है। जाति, धर्म, सामाजिक स्तर, परिवार की मर्जी, आदि कई कारण होते हैं, जिनके कारण प्रेमी-प्रेमिका को अपने प्यार को संघर्ष करना पड़ता है।

Love Marriage

प्रेम विवाह एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग ऐसे विवाह का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो परिवारों की मर्जी से ज्यादा आपसी पसंद और सहमति पर आधारित होता है। प्रेम विवाह को अक्सर आधुनिकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संकेत के रूप में देखा जाता है, लेकिन भारत में उन्हें कई चुनौतियों और बाधाओं का भी सामना करना पड़ता है, जहां पारंपरिक और रूढ़िवादी मूल्य अभी भी प्रचलित हैं।

लेकिन, क्या आपको पता है कि अब लव मैरिज करने के लिए सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका की मंजूरी ही काफी नहीं होगी? हां, आपने सही सुना। गुजरात में सरकार ने लव मैरिज को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की सहमति को लेकर गुजरात सरकार फिलहाल नया कानून लागू करने पर विचार कर रही है। विशेष रूप से, उन्होंने इस विशेष मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी का समर्थन भी हासिल किया है।

पाटीदार समुदाय

हम आपको बता दें कि गुजरात में पाटीदार समुदाय लंबे समय से मांग कर रहा है कि लड़के और लड़की के बीच प्रेम विवाह के मामले में, उन्हें विवाह पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान कम से कम एक माता-पिता के हस्ताक्षर लेने की आवश्यकता होनी चाहिए। पाटीदार समुदाय का तर्क है कि यह उपाय लव जिहाद को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

विधायक फतेह सिंह

इसी संदर्भ में भाजपा विधायक, फतेहसिंह चौहान ने कहा कि प्रेम विवाह में, लड़की या लड़के के लिए अपने परिवार के सदस्यों की इच्छाओं को अस्वीकार करना और शादी के लिए आगे बढ़ना आम बात है, जिसके परिणामस्वरूप अस्वीकृति की दर अधिक होती है। माता-पिता की सहमति के बिना की गई शादियां राज्य में अपराध को बढ़ाने में योगदान देती हैं।

सरकार का बड़ा फ़ैसला

सरकार का फ़ैसला है कि लव मैरिज के पंजीकरण के समय माता-पिता के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। यानि, लव मैरिज के लिए माता-पिता की मंजूरी लेना होगा, नहीं तो शादी मान्य नहीं होगी। सरकार का कहना है कि इससे परिवारों का सम्मान बना रहेगा, और प्रेमी-प्रेमिका को भी जिम्मेदारी का एहसास होगा।

फ़ैसले का प्रभाव

सरकार के फ़ैसले से लव मैरिज करने वालों को चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि यह फ़ैसला प्रेमी-प्रेमिका के अधिकारों को हनन करता है, और उनकी स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाता है। वे कहते हैं कि यह फ़ैसला प्रेमी-प्रेमिका को मजबूर कर सकता है, कि वे अपने प्यार को त्याग दें, या अपने परिवार से दूर हो जाएं।

निष्कर्ष

लव मैरिज पर सरकार के फ़ैसले का निष्कर्ष यह है, कि इससे प्रेमी-प्रेमिका और परिवारों के बीच समन्वय और समझौता की आवश्यकता है। इस फ़ैसले का उद्देश्य है, कि लव मैरिज से होने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करना, और प्रेमी-प्रेमिका को जिम्मेदारी से काम करने की प्रेरणा देना।

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