Indian Railway: आखिर क्यों भारत के ट्रेन का नंबर सिर्फ 5 अंको का होता है? जानिए इसकी बड़ी वजह

Indian Railway: भारतीय रेल पूरी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। लंबा सफर तय करने के लिए सबसे अच्छा और सस्ता साधन भारतीय रेल ही है।  भारत के लगभग हर हिस्से में ट्रेन की पटरियां दौड़ते हुए नजर आती है। हर रोज जैसे लाखों की तादाद में लोग ट्रेन में सफर करते हैं वैसे ही भारत में ट्रेनों की संख्या भी बहुत है।

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इन ट्रेनों को पहचानने के लिए उन्हें कुछ नाम तो दिए गए हैं लेकिन ज्यादातर ट्रेन उनपर लिखे गए नंबर से जानी जाती है। क्या आपने कभी ट्रेन की टिकट पर मौजूद 5 डिजिट के नंबर पर गौर किया है? टिकट पर मौजूद ये 5 डिजिट का नंबर आपको कई तरह की जानकारियां देता है।

ये ट्रेन नंबर आपको बताता है कि आप कहां जा रहे हैं और कहां से आ रहे हैं। इतना ही नहीं यह नंबर आपके ट्रेन की स्थिति और कैटेगरी भी बताता है। तो आइए जानते हैं कि ये 5 डिजिट का नम्बर इतना सब कुछ कैसे बता सकता है।

क्या होता है इस 5 डिजिट के नंबर का मतलब

गौरतलब है कि जैसे हर व्यक्ति का अपना एक अलग नाम होता है वैसे ही हर ट्रेन का अपना एक विशेष नंबर होता है, जो उसकी पहचान होता है। ये डिजिट 0 से लेकर 9 तक के हो सकते हैं। आइये जानते हैं इन 5 डिजिट के नंबर के बारे में।

किस डिजिट का क्या है मतलब

5 डिजिट में पहले डिजिट 0-9 का अलग अलग मतलब होता है। यदि किसी ट्रेन का पहला डिजिट 0 है तो इसका मतलब है कि वह कोई स्पेशल ट्रेन है। जैसे समर स्पेशल, फेस्टिवल स्पेशल, तीर्थ यात्रा स्पेशल या फिर कोई और।

1 से 4 डिजिट का मतलब

1 और 2 – अगर पहला डिजिट 1 या 2 है तो यानी कि यह ट्रेन लंबी दूरी तक जाती है। साथ ही ये कोई सुपरफास्ट ट्रेन भी हो सकती है। इसके अलावा अगर पहला डिजिट 3 है तो वह ट्रेन कोलकाता सब अर्बन ट्रेन है। उसके बाद जिस ट्रेन का पहला डिजिट 4 है तो वह ट्रेन नई दिल्ली, चेन्नई, सिकन्द्राबाद या फिर अन्य मेट्रो सिटी की सब अर्बन ट्रेन है।

5 से 9 डिजिट का मतलब

अगर किसी ट्रेन का पहला डिजिट 5 है तो वह सवारी गाड़ी है। उसके बाद जिस रेलगाड़ी का नंबर 6 या 7 से शुरू होता है तो इसका अर्थ वह मेमू ट्रेन है। वहीं 8 से शुरू वाली आरक्षित ट्रेन तथा 9 से शुरू होने वाली मुंबई की सब अर्बन ट्रेन होती है।

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