Income Tax: नौकरी करने वालों के लिए खुशखबरी, अब नहीं कटेगा TDS, लेकिन करना होगा ये काम

Tax Deduction at Source: किसी की सैलरी से कितना पैसा काटा जा रहा है तो उनके टैक्स स्लैब के दायरे में आता है। टैक्स डिडक्शन एट सोर्स होता है तो सैलरी से काटा जाता है। इसे कंपनी सैलरी से 5 से 10 प्रतिशत काटती है। हालांकि टीडीएस ना करे इसके लिए कई सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, बस इन चीजों का आमतौर पर लोगों को पता नहीं होता है। अगर इनके बारे में लोगों को पता हो तो उनकी सैलरी से टीडीएस नहीं कटे और उन्हें सैलरी का पूरा पैसा मिल जाए।

Income Tax

टैक्स डिडक्शन एट सोर्स नौकरी करने वालों की सैलरी से काटा जाता है। जो इनकम टैक्स के दायरे में आता है और ये सैलरी का कुछ प्रतिशत ही होता है जिसे सरकार की तरफ से अनिवार्य किया गया है। हालांकि अगर आप चाहते हैं कि ये ना कटे तो चलिए आपको इसका उपाय डिटेल्स में बताते हैं।

टैक्स डिडक्शन एट सोर्स को कैसे रोक सकते हैं? (Tax Deduction at Source)

आपकी सैलरी से कितना डिडक्शन होना है ये आपकी सैलरी पर निर्भर होता है। टैक्स डिडक्शन एट सोर्स सैलरी से कटने वाला टैक्स है जिसे इनकम टैक्स के जरिए लिया जाता है। हालांकि ये पैसा आपको ITR फाइल करने के बाद वापस दे दिया जाता है लेकिन सैलरी से कटने के बाद ये बहुत परेशानी में डाल देता है। इससे बचने के कुछ विकल्प भी हैं। इनकम से टीडीएस ना कटे इसके लिए Form 15G या 15H जमा कर सकते हैं।

दरअसल Form 15H सीनियर सिटीजन के लिए होता है। कुल आय पर किसी तरह का टैक्स नहीं है तो इस फॉर्म को जमा कर सकते हैं। टीडीएस कटने से बचाने के लिए आप निवेश के दूसरे विकल्पों पर भी जा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप पहली बार होम लोन भी लेने जा रहे हैं तो भी टीडीएस से बचने के उपाय बताए गए हैं। आपको किन स्कीम में निवेश करने की जरूरत है वो पीपीएफ (सार्वजनिक भविष्य निधि), एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली), यूलिप (यूनिट-लिंक्ड बीमा योजना), सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाएं हैं।

टैक्स सेविंग एफडी में ईएलएसएस (इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम) फंड, पीपीएफ यह एक सरकारी योजना है। इस योजना के साथ छोटी रकम बचाने और उस पर रिटर्न की सुविधा मिलती है। निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत कटौती का फायदा ले सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करते हैं तो एक वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की अधिकतम छूट पा सकते हैं। यह छूट आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 80C के साथ पा सकते हैं। एनपीएस-आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 80CCD के तहत एनपीएस में निवेश के साथ टीडीएस की बचत की जा सकती है।

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