हमारे देश में ज्यादातर कर्मचारी 9 से 5 बजे तक 8 घंटे की नौकरी करता है जिसमें 5 से 6 दिन तक वर्किंग डे होते है। मगर क्या हो जब आपको सिर्फ हफ़्ते में 4 दिन काम करना होगा और 3 दिन आराम। जानिए क्या है योजना?
मोदी सरकार द्धारा नया श्रम कानून लागू होने जा रहा है जिसके मुताबिक कर्मचारियों को हफ्ते में 4 दिन काम करना होगा। जिससे आपका पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा। मगर दिन में काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 घंटे हो जाएंगे। जिसके कारण कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी मिल जाएगी यानि एक हफ्ते में कर्मचारियों को 48 घंटे तक काम करना होगा। आपको बता दें कि 12 घंटे के काम में कर्मचारियों को दो बार आधे-आधे घंटे की छुट्टी मिलेगी।
EPF कॉन्ट्रिब्यूशन क्या है
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) एक सेवानिवृत्ति योजना है जहां कर्मचारी हर महीने अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% योगदान देता है। कंपनी भी कर्मचारी के खाते में केवल 12% योगदान देती है, जिसमें से 8.33% EPS में और 3.67% EPF में जाता है। ईपीएफ खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलता है।
नए लेबर कोड कानून के आने से कर्मचारियों का EPF कंट्रीब्यूशन बढ़ सकता है। जिसके कारण कर्मचारियों को भारी बचत नही होगी और इन हैंड सैलरी भी कम होगी। मगर नए लेबर कोड के लागू होने से पेंशन की रकम में इज़ाफा हो सकता है और मेडिकल इंश्योरेंस, इंसेंटिव में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
हफ्ते में 3 दिन छुट्टी
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि लेबर कोड कानून 1 अक्टूबर 2021 को लागू किए गया था। मगर 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण इसे केंद्र सरकार में लागू नही किया गया था। इस नए श्रम कानून को बहुत से देशों में पिछले कई महीनों से टेस्ट किया जा रहा है जैसे अमेरिका, स्पेन, ब्रिटेन में इसे 60 से ज़्यादा कंपनियां अपना रही हैं और अपने कर्मचारियों से हफ्ते में 4 दिन या अधिकतम 48 घंटे काम लेंगी। यानि कर्मचारियों को हर हफ्ते 3 दिन की छुट्टी मिलेगी।