कैथा फल कई तरह की शारीरिक बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित है। इस वजह से हर किसी को इस फल का सेवन रोजाना करना चाहिए। बहुत सारे लोगों को मालूम ही नहीं होता है कि यह फल किन-किन बीमारियों को दूर करता है। इसी वजह से आज हम इस लेख में उन बीमारियों के बारे में बात करने वाले हैं।
कैथा फल आयुर्वेदिक रुप से रोगों को दूर करने के लिए रामबाण उपाय के रूप मेें इस्तेमाल किया जाता है। कैथा फल में पाया जाने वाला विटामिन सी तत्व एक बड़ा एस्कोरबिक एसिड का स्रोत माना जाता है।
इसके अलावा इसमें मौजूद आयरन, फाइबर एवं जिंक जैसे तत्व शारीरिक बीमारियों को जड़ से दूर करने में कारगर सिद्ध होते हैं। यदि कैथा फल का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो यह कई बीमारियों को दूर कर सकता हैं तो चलिए अब हम आपको उसके बारे में बताते हैं।
1. डायबिटीज में होगा असरदार
कैथा फल में रफेज तत्व की मात्रा अधिक पाई जाती है और यह तत्व शरीर में डायबिटीज के नकारात्मक तत्वों पर प्रभाव डालकर शुगर का असर कम कर देता है तथा इसके साथ ही यह इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में भी मदद करता है जिससे ग्लूकोज द्वारा सामान्य मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
2. हाई कोलेस्ट्रॉल में असरदार
कैथा फल में मौजूद रफेज और फाइबर तत्व शरीर की नसों में मौजूद वसा को सोखकर हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा फल में मौजूद विटामिन सी ब्लड सेल्स को बढ़ाता है जिससे खून का संचार तेजी से होता है।
3. इंफेक्शन तथा सूजन में असरदार
कैथा फल में एंटी बैक्टीरियल तथा एंटी माइक्रोबियल गुणों की मात्रा सामान्य रूप में पाई जाती है तथा फल का इस्तेमाल शरीर में मौजूद सूजन तथा इन्फेक्शन को खत्म करने के लिए किया जा सकता है। यदि शरीर में फंगल बैक्टीरियल तथा अन्य शारीरिक इंफेक्शन हो गए हैं तो इसे खत्म करने के लिए फल का रस बनाकर लगाया जा सकता है तथा सिर दर्द एवं सर्दी जुखाम में इस फल का तेल बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा यदि शरीर में कोई छोटी मोटी सूजन हो गई है तो आप वहां पर भी इस तेल की मालिश कर सकते हैं।
4. बवासीर में असरदार
कैथा फल में मौजूद रफेज तथा फाइबर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे पाचनतंत्र नियमित रूप से कार्य करने लगता है। इसके अलावा स्टूल पास में भी मदद मिलती है। कैथा फल के सेवन से बॉवेल मूवमेंट में भी सुधार होता है तथा मूत्र मार्ग में सूजन की समस्या को कम किया जा सकता है।