भारत में मांसाहारी-शाकाहारी खाने वाले लोग मसाले का भरपूर उपयोग करते हैं। भारत को मसाले का राजधानी भी कहा जाता है। यहां के मसाले की क्वालिटी दुनिया में सबसे प्रीमियम मानी जाती है। स्वास्थ्य के हिसाब से यहां के मसाले शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम के अलावा कई गंभीर बीमारी को दूर करने में मदद करते हैं।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के मुताबिक कभी भी खुले हुए मसाले का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इनमें हानिकारक मिलावट हो सकती है। ऐसे में हमेशा डिब्बा बंद और नामी ग्रामी ब्रांड के मसाले का उपयोग करना चाहिए।
हाल ही में भारत के दो सबसे प्रतिष्ठित ब्रांड के मसाले हांगकांग में फेल हो चुके हैं हांगकांग की फूड एंड सेफ्टी अथॉरिटी ने इन मसाले में कैंसर पैदा होने वाले तत्व पाए हैं, जिसकी वजह से चार मसाले को बैन कर दिया गया है।
इन कंपनी के मसाले हुए बैन
फूड एंड एनवायरमेंटल हाइजीन डिपार्टमेंट हॉन्ग कोंग के मुताबिक 5 अप्रैल 2024 को एमडीएच और एवरेस्ट ब्रांड के चार मसाले में कैंसर वाले पेस्टिसाइड इथाईलीन ऑक्साइड पाया गया। टेस्टिंग में एमडीएच (MDH) मद्रासी करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्सड मसाला पाउडर, करी पाउडर मसाला प और एवरेस्ट (Evrest) के फिश करी मसाले के सैंपल फेल हुए हैं। इन मसाले को हांगकांग और सिंगापुर में बैन कर दिया गया है।
Fssai ने भी उठाया बड़ा कदम
हांगकांग और सिंगापुर में बैन होने के बाद भारत में भी एफएसएसएआई ने बड़ा कदम उठाया है।एफएसएसएआई ने इन मसाले की सैंपल टेस्टिंग की है। हालांकि अभी तक इन मसाले को लेकर Fssai ने कोई बयान जारी नहीं किया है रिपोर्ट की मानें तो नेपाल में भी इन मसालों को बन कर दिया गया है।
नेशनल कैंसर संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक एथिलीन ऑक्साइड कमरे के तापमान पर एक मीठी गांड वाली फ्लेमेबल कलर गैस होती है। इस कीटनाशक और स्टेरलाइजिंग एजेंट के रूप में कम मात्रा के साथ इस्तेमाल किया जाता है, जो डीएनए को नुकसान करने की वजह से इसे स्टेरलाइजिंग एजेंट माना जाता है। जानकारी के लिए बता दे की इथाईलीन ऑक्साइड के संपर्क में आने से मनुष्य में कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है।