भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां के लोगों को अपना फैसला लेने की पूरी आजादी है, लेकिन वह फैसला कानून के दायरे में रहकर लेना पड़ता है। क्योंकि हम कुछ ऐसे काम नहीं कर सकते हैं जिसकी कानून हमें इजाजत नहीं देता है। भारत में बहुत सारे ऐसे लोग है जो अपनी संपत्ति दान दे देते हैं।
वहीं बहुत सारे लोग अपनी संपत्ति दान में देने के बारे में सोचते तो हैं, क्योंकि वो अपने बच्चों की डर से ऐसा करने में सफल नहीं हो पाते हैं। इस वजह से कुछ लोगों के मन में एक सवाल जरुर चल रहा होगा कि क्या हम अपने बच्चों के रहते हुए अपनी संपत्ति किसी को दान में दे सकते हैं। अब इस मामले पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है तो चलिए मैं आपको इसके बारे में बताता हूं।
कोर्ट ने सुनाया फैसला
हाल ही में इस तरह का एक मामला कोर्ट में गया था, जिसमे कोर्ट की तरफ से कहा गया कि अगर किसी शख्स ने खुद की संपत्ति बनाई है तो वह जायदाद जिसे चाहे उसे दान में दे सकता है और इस पर उनका पूरा अधिकार है। लेकिन वह संपत्ति दान करने वाले व्यक्ति के नाम पर होना जरुरी है।
इस तरह के मामला कुछ दिन पहले ही कोर्ट में गया था, जिसमे एक पिता अपनी संपत्ति दान करना चाहता था, लेकिन उनके बच्चे ऐसा करने से रोक रहे थे। इस पर कोर्ट ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई खुद की संपत्ति बनाई है तथा वह उनके नाम पर रजिस्टर्ड है तो वह उसे जब चाहे तब दान कर सकता है।
उस दौरान जज ने यह भी कहा कि अगर किसी शख्स के खुद की संपत्ति है तथा उस पर किसी तरह का वसूली या ब्याज का मामला है तो फिर उस संपत्ति को दान नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा दान देने वाले शख्स दिमागी रूप से पूरी तरह स्वस्थ होना जरुरी है। क्योंकि कई बार ऐसे भी मामले में आते हैं जब किसी शख्स की दिमागी हालत ठीक नहीं होती है, जिस वजह से वो किसी को भी कुछ दे देते हैं।
किस तरह के संपत्ति दान में दिया जा सकता है
कुछ लोगों के पास ऐसी संपत्ति होती है जो उनके दादा-परदादा से विरासत में मिली होती है तो इस तरह की संपत्ति को भी दान में दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए उस संपत्ति के होने वाले उतराधिकारी से अनुमति लेने की जरुरत पड़ेगी। वहीं दान देने वाला व्यक्ति चाहे तो वह संपत्ति वापस ले सकता है, इसका जिक्र धारा 126 में किया गया है।
वहीं कुछ लोग गिफ्ट के तौर पर अपनी संपत्ति दान में देते हैं, लेकिन जब उसका वह मकसद पूरा नहीं होता है तब दान देने वाला शख्स वह संपत्ति वापास ले सकता है। मान लीजिए किसी व्यक्ति ने कोई मंदिर बनाने के लिए अपनी संपत्ति दान में दिया है, लेकिन उस जमीन का इस्तेमाल व्यापारिक कामों के लिए हो रहा है तो वह संपत्ति वापस लिया जा सकता है।