एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए लोग ट्रेन से सफर करते हैं। भारत में करोड़ों लोग इससे यात्रा करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 80% लोग ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं। ज्यादातर यात्री एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए 15 दिन पहले टिकट बुक कराते हैं। त्योहारी सीजन में लोग कई महीने पहले टिकट बुक करा लेते हैं।
हर कोई ट्रेन में आराम से सफर करना चाहता है, इस वजह से लोग लंबे समय पहले टिकट बुक कर लेते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास कंफर्म टिकट होता है, लेकिन अचानक वो सफर करने का प्लान बदल देते हैं। उस स्थिति में उन्हें टिकट कैंसिल करना पड़ता है, जिस वजह से उनका कुछ चार्ज भी कट जाता है तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कंफर्म टिकट किसी दूसरे व्यक्ति के नाम कैसे किया जाता है।
टिकेट कैंसिल की स्तिथि में क्या करें?
कुछ लोगों को तत्काल में टिकट मिलना बहुत मुश्किल होता है। कई बार ऐसा होता है कि लोग जाने से पहले किसी वजह से टिकट कैंसिल करा देते हैं। इसे कैंसिल करने के बाद कुछ पैसे पेनल्टी के तौर पर भी कटते हैं, ऐसे में आप इस पैसे को बर्बाद होने से बचा सकते हैं। अगर किसी वजह से आपकी रवानगी कैंसिल हो गई है तो ऐसी स्थिति में आप अपना टिकट किसी और के नाम ट्रांसफर कर सकते हैं।
टिकट ट्रांसफर करने की शर्तें
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे अपना टिकट दूसरों के नाम पर ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। जिसके लिए बुकिंग नंबर होना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को टिकट ट्रांसफर करवाना बहुत मुश्किल होता है। भारतीय रेलवे के अनुसार, इसे केवल आपके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर स्थानांतरित किया जा सकता है, जिसमें आपके माता-पिता, भाई-बहन और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं।
अगर आप अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के नाम पर टिकट ट्रांसफर करवाना चाहते हैं तो यह संभव नहीं है। ट्रेन टिकट के ट्रांसफर पीरियड पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। भारतीय रेलवे के मुताबिक यह प्रक्रिया ट्रेन के समय से 24 घंटे पहले शुरू हो जाती है। आप 24 घंटे पहले टिकट काउंटर पर जाकर अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर अपना टिकट ट्रांसफर कर सकते हैं, अगर 24 घंटे से कम है तो आप इसे ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं।
टिकट ट्रांसफर करने की प्रक्रिया क्या है?
इस लिए ट्रेन के छूटने से पहले टिकट आरक्षण केंद्र पर आवेदन जमा करना होता है जिसके लिए टिकट का बिल निकालना होता है। अगर काउंटर पर बनवाया है तो टिकट दिखाना होगा। इसके बाद परिवार के जिस भी सदस्य के नाम टिकट ट्रांसफर करना है, उसे अपना आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड काउंटर पर देना होगा। जिसके बाद इन पेपर्स की एक फोटो कॉपी भी अपने पास रख लें।
इसके बाद आप आरक्षण केंद्र पर आवेदन लेकर टिकट ट्रांसफर करने का अनुरोध कर सकते हैं। इस एप्लीकेशन के साथ आधार कार्ड की फोटो कॉपी लगाना आवश्यक होता है। उसके बाद आपकी टिकट को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
ऐसे में ट्रेन से सफर करने वाले लाखों यात्री ऐसे होते हैं जिन्हें कई बार टिकट बुक कराने के बाद भी अपना टिकट कैंसिल कराना पड़ता है। जिसके बाद उनके पैसे भी कट जाते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया के बाद आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा। इस प्रक्रिया को अपनाने से आपका पैसा भी बचेगा और परिवार का कोई अन्य सदस्य भी यात्रा कर लेगा।