Business Ideas: दुनिया में टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रहा है, जिस वजह से हर कामों में इसका इस्तेमाल होने लगा है। क्योंकि अब इसके बिना कोई भी काम करना आसान नहीं है। दुनिया में सबसे अधिक खराब स्थिति किसानों की है, क्योंकि कई बार उनका फसल बर्बाद हो जाता है, लेकिन जब फसल सही से उगता है तो उसे अच्छी कीमत नहीं मिलती है।
जो किसान खराब मौसम और फसल की बर्बादी से परेशान रहते हैं उनके लिए अच्छी खबर है, क्योंकि अब उन्हें खेती करने के लिए मिट्टी, पानी और मौसम के ऊपर निर्भर रहने की जरुरत नहीं है। बिजनेस आईडिया (Business Ideas) के इस लेख में हम जिस खेती के बारे में बात करने जा रहे हैं उसमे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है तो चलिए इसके बारे में हम आपको सब कुछ समझाते हैं।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) क्या होता है?
आज हम खेती करने के जिस तरीके के बारे में बात करने जा रहे हैं उसे वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इस खेती को करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसकी शुरुआत इजरायल में हुई थी, लेकिन अब इसका इस्तेमाल भारत में भी होने लगा है। इंडिया में इसकी शुरुआत महाराष्ट्र की एक कंपनी AS Agri and Aqua LLP ने की है। इस कंपनी ने वर्टिकल फार्मिंग की मदद से हल्दी उगाना शुरू कर दिया है।
आने वाले कुछ सालों के बाद हर तरह के फल तथा सब्जियां खेतों की जगह फैक्ट्री में उगना शुरू हो जाएगा। वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) की सबसे अच्छी बात यह है कि यदि आप एक एकड़ में कोई फसल लगाते हैं तो आपको उसके बदले 100 एकड़ जितना रिटर्न मिलता है। इस वजह से आने वाले समय में किसानों की जबरदस्त इनकम होने वाली है।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के तहत हल्दी कैसे उगाएं?
हमने ऊपर बताया है कि भारत में महारष्ट्र की कंपनी AS Agri and Aqua LLP ने वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के तहत हल्दी का फसल उगाना शुरू कर दिया है। अगर आप भी इस तरीके से खेती करना चाहते हैं तो आ[को सबसे पहले जिग-जैग तरीके से हल्दी बोना पड़ेगा। लेकिन वह हल्दी 10-10 सेमी की दूरी पर होनी चाहिए। उसके बाद जब हल्दी बढ़ना शुरू हो जाएगा, फिर उसके पत्ते बाहर आने शुरू हो जाएंगे।
यदि आप किसान हैं तो आपको अच्छी तरह मालूम होगा कि हल्दी उगाने के लिए अधिक धूप की जरुरत नहीं पड़ती है, इस वजह से छाया में भी इसकी बढ़िया पैदावार होती है। यही कारण है कि वर्तमान में वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) की मदद से हल्दी का बेहतर उत्पादन किया जा रहा है।
इस फार्मिंग के तहत हल्दी को अच्छी तरह तैयार होने में 9 महीने का समय लगता है, उसके बाद फिर से हल्दी लगा दिया जाता है। वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के माध्यम से 3-4 सालों में तीन से चार बार आराम से हल्दी की फसल हो जाती है, वहीं जो लोग सामान्य खेती करते हैं उसमे हल्दी की खेती के लिए कम से कम एक साल का समय लगता है, क्योंकि उस दौरान हमें मौसम का खास ध्यान रखना पड़ता है।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के क्या-क्या फायदे हैं?
यदि आपने वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के बारे में यहां तक पढ़ा है तो आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि इसका क्या-क्या फायदा है। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से हल्दी की खेती करने पर मौसम की चिंता खत्म हो जाती है, क्योंकि आप हर मौसम में इसकी शुरुआत कर सकते हैं।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के माध्यम से खेती करने के लिए हमें बंद जगह की आवश्यकता पड़ती है, इस वजह से आंधी, बारिश, तूफ़ान या कीट-पतंगों से बचने में मदद मिलती है। यही कारण है कि हमारा फसल बर्बाद नहीं होता है। इसके अलावा सिंचाई करने के लिए पानी की ठीक-ठाक बचत होती है। फोगर्स के लिए पानी आवश्यकता होती है, लेकिन उसमे उतनी पानी की जरुरत नहीं पड़ती है, जितना सामान्य खेती में लगता है।
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) से कमाई कितनी होगी?
बिजनेस आईडिया (Business Ideas) के इस लेख को यहां तक पढ़ने के बाद आपके मन में एक सवाल चल रहा होगा कि अगर हम वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) की मदद से हल्दी की खेती करते हैं तो इससे हमें कितना फायदा होगा। हल्दी एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल हर घरों में किया जाता है, क्योंकि खाना बनाने में इसकी सबसे अधिक जरुरत पड़ती है।
इसके अलावा अब कॉस्मेटिक और फार्मा इंडस्ट्री में भी इसका बहुत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल होना शुरू हो गया है। यदि आप वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के माध्यम से हल्दी की खेती करने के लिए एक एकड़ जगह का इस्तेमाल करते हैं तो आपको 100 एकड़ के बराबर फसल का उत्पादन मिलेगा। फिर उससे आपकी कमाई 2.5 करोड़ रुपये आसानी से हो जाएगी।