अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं तो आपके लिए रेलवे से जुड़ी बातें जानना जरूरी है। ट्रेनों में हरी झंडी और टोर्च दिखाने वाले गॉर्ड अब नही होंगे। दरअसल इसके पीछे की कहानी बहुत बड़ी हैं और मांग बहुत पुरानी।
रेलवे ने ताज़ा ताज़ा जो नियम जारी किए हैं उसके बारे में हम विस्तार से बताने जा रहे हैं और यह भी बताएंगे कि इन रेलवे गार्ड्स को लेकर क्या बदलाव किए गए हैं और इन्हें किस नाम से बुलाया जाएगा। इतना ही नही हम आज कई साल पुरानी उस मांग की भी चर्चा करेंगे जो रेलवे के गार्ड्स द्वारा की जा रही थी।
रेलवे के नए नियम के अनुसार अब ट्रेनों में गार्ड्स नही होंगे। दरअसल पिछले दिनों रेलवे ने कर्मचारियों की कई साल पुरानी मांग को पूरा करते हुए रेलवे गॉर्ड के पदनाम को बदल कर ट्रेन मैनेजर कर दिया है।
रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में रेलवे के सभी जनरल मैनेजर्स को पत्र लिखकर सूचित भी कर दिया है। रेलवे ने इस बदलाव को तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया है। भारतीय रेलवे ने अपने ऑफिसियल अकाउंट पर भी इस बारे में जानकारी दी थी।
साल 2004 से लगातार रेलवे के कर्मचारी इस चीज की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि उनकी झंडी और टोर्च दिखाने के साथ-साथ और भी कई जिम्मेदारियां होती हैं। यात्रियों का ध्यान रखना, उनकी जरूरतो का खयाल रखना, ट्रेन की देख-रेख और ऐसे ही कुछ काम। इसलिए वे चाहते थे कि उनका पदनाम बदल दिया जाए। उन्हें सिर्फ गार्ड के तौर पर न देखा जाए और न ही बुलाया जाए।
आपको बता दे कि गार्ड का केवल पदनाम ही बदला गया है, उनकी जिम्मेदारियां वही रहेंगी। मतलब कि जैसा काम वे पहले करते थे वैसा ही काम करते रहेंगे। उनकी ज़िम्मेदारियों में कोई हेर-फेर नही की गई हैं।