मनुष्य परिश्रम से धन अर्जित करता है। धन अर्जित करने के लिए वह गांव से शहरों की ओर प्रवास करता है। शहर में रह करके वह धन अर्जित तो कर लेता है। लेकिन धन का सदुपयोग नहीं कर पाता है। यदि कोई भी व्यक्ति धन का सदुपयोग नहीं कर पा रहा है, और धन को किसी बुरे काम में लगा रहा है जैसे मद्यपान का सेवन और जुआ खेलना आदि तो उसे सतर्क हो जाना चाहिए।
जो लोग ऐसे कामों में संलिप्त होते हैं उनके हाथों में कभी धन नहीं टिकता है। आचार्य चाणक्य अपनी नीति में मनुष्य को कई बुरी आदतों या कामो से दूर रहने की हिदायत दी गई है तो चलिए अब हम उन 6 आदतों के बारे में जानते हैं जिसकी वजह से लोगों के पास धन नहीं टिकता है।
कंगाल होने से बचना है तो इन कामों से रहे दूर
1. चाणक्य नीति के अनुसार धन पर कभी अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि धन का स्वभाव अस्थाई होता है। जितनी तीव्र गति से यह आपके हाथ में आती है। उसी तीव्र गति से यह आपके हाथ से चला भी जाता है। आज आप भले राजा हो, लेकिन हो सकता है कि कल आप रंक हो जाएं।
2. चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति चाहे जितना भी धनवान हो जाए। उसे हमेशा मृदुभाषी होना चाहिए ना की कटुभाषी। जो लोग पैसे के घमंड में कटुभाषी बन जाते हैं उनसे माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है जिस वजह से धीरे-धीरे उनका सारा धन नष्ट हो जाता है।
3. चाणक्य नीति के अनुसार धनवान व्यक्ति को कभी भी गरीब व्यक्ति से घृणा नहीं करनी चाहिए। घृणा करने से लक्ष्मी रूठ जाती हैं और वह व्यक्ति फिर से कंगाल बन सकता है।
4. चाणक्य नीति के अनुसार धन का उपभोग बुद्धि से करनी चाहिए अर्थात धन का उपयोग किसी बुरे कामों जैसे जुआ खेलना और मद्यपान का सेवन करना आदि कामों में नहीं लगाना चाहिए।
5. चाणक्य नीति के अनुसार हर व्यक्ति को भविष्य के लिए धन को बचा कर रखना चाहिए अर्थात यदि कोई व्यक्ति हजार रुपए महीने का कमाया तो उस हजार रुपये में से ₹600 खर्चा करने के लिए रख ले और ₹400 बैंक में या किसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी में रख दें, क्योंकि यह ₹400 आपके भविष्य में काम आएगा।
6. चाणक्य नीति के अनुसार धन का उपयोग स्त्री गमन करने के लिए नहीं करना चाहिए स्त्री लक्ष्मी के समान होती हैं। इस वजह से जो लोग ऐसा करते हैं उनके पास अधिक समय तक धन नहीं रहता है और वो जल्द कंगाल हो जाते हैं।