कोरोना के बाद लोगो का ध्यान अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने पर, अच्छा खाना पीना, समान की शुद्धता और हर्बल प्रोडक्ट्स पर बहुत बढ़ गया है। बुजुर्गों का मानना है की जो सामान की शुद्धता उनके ज़माने में थी, आज वो बात नहीं है। पंजाब में पली-बड़ी और ठाणे मुंबई की रहनेवाली 51 साल की कमलजीत कौर का मानना है भी ऐसा ही हैं।
संघर्ष से भरी कहानी तो आपने बहुत ही सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको ऐसी एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 51 साल की आयु में कड़ी मेहनत से आज एक नया मुकाम हासिल किया है।
2020 में जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी तब कमलजीत भी इसका शिकार हो गयी थी। कोरोना से उनके लंग्स में इन्फेक्शन हो गया था। 4-5 महीने के इलाज के बाद उनकी तबीयत ठीक हुई।
इसके बाद इन्होंने दिसम्बर 2020 में Kimmus Kitchen की शुरुआत की। यहाँ भैस के दूध से घी तैयार किया जाता हैं। वो बताती हैं कि शुरुआत में इन्होंने मुम्बई के लोकल दुकानों से दूध खरीदा और उसीसे घी बनाया। पर उन्हें उसमे वो बात नजर नहीं आई जो उन्हें अपने गांव के दूध से बने घी में आती थी। इसलिए इन्होंने अपने गांव यानि कि लुधियाना से दूध मंगवाना शुरू किया।
वैसे तो घी निकलने के कई तरीके हैं। पर ये जिस तरीके से घी बनाती हैं उसे बिलोना नामक तकनीक कहा जाता हैं। इसमे माखन, मलाई या दूध के बजाए दही से घी बनाया जाता हैं। इसके अनुसार पहले दूध को गर्म करके, फिर उसे ठंडा करके, उससे दही जमाया जाता है। फिर अगले दिन दही को बिलोकर उससे घी निकाला जाता है।
घी की बोतल तीन साइज में उपलब्ध हैं। 220 ml, 500ml और 1लीटर। एक बोतल की कीमत 399 रुपये से शुरू हैं। आज के दिन में किमू की रसोई हर महीने 4,500 से अधिक बोतल घी बेचती हैं। ऐसे में हिसाब लगाया जाए तो वह 20 लाख रुपये तक घी की हर महीने बिक्री होती है। कमलजीत इस कमाए गए धन का एक प्रतिशत गुरुद्वारों में पूजा करने वालों को भोजन कराने जैसी सेवाओ के लिए देती है।