दुनिया का एकमात्र शख्स जिसे नींद नहीं आती है, पिछले 62 सालों में एक बार भी नहीं सोया, जानिए उसकी कहानी

दिन भर के काम-काज के बाद रात को हम थक कर सो जाते हैं। कई बार तो थकान इतनी होती है कि बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाती है। वैसे थकान ना भी हो, तो भी रात को सोना तो होता ही है। अगर कोई किसी कारणवश रात को नहीं सो पाता, तो दिन में अपनी नींद पूरी करता है। कुल मिला कर सोना इंसान के जीवन के लिये काफी जरूरी है। नींद पूरी ना हो, तो शरीर थका हुआ लगता है। इसी लिये चिकित्सक भी सलाह देते हैं कि 7-8 घंटे की नींद तो लेनी ही चाहिये।

This person did not sleep for 62 years

वैसे अगर आपसे कोई पूछे कि आप कितने दिनों तक बिना सोये रह सकते हैं, तो आपका जवाब क्या होगा। इंसान ज्यादा से ज्यादा 1-2 रात बिना सोये भले ही गुजार ले, लेकिन इसका उसकी तबीयत पर खासा असर पड़ेगा। ऐसे में अगर कोई आपसे कहे कि एक व्यक्ति पिछले 62 सालों से सोया नहीं है, तो क्या आप विश्वास करेंगे। सुन कर अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। एक 80 साल के व्यक्ति हैं, जो पिछले 62 सालों से सोये नहीं हैं और इसके बावजूद वे एक दम फिट हैं और अपने सारे काम भी करते हैं। 

1962 से अब तक एक दिन भी नहीं सोये इस शख्स का वीडियो कुछ समय पहले काफी वायरल हुआ है। नींद न आने वाले व्यक्ति से मिलने के लिए वियतनाम गए जाने-माने YouTuber Drew Binsky ने इंस्टाग्राम पर इनका वीडियो शेयर किया है। यूट्यूब पर एक हफ्ते से भी कम समय में इस वीडियो को 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका था।

क्वांग नाम के केंद्रीय वियतनामी प्रांत में रहने वाले 80 साल के इस व्यक्ति का नाम थाई एनजोक है। थाई एनजोक 62 से अधिक वर्षों से सोये नहीं है, लेकिन उनका शरीर अभी भी उत्कृष्ट शारीरिक और मानसिक स्थिति में है।

कई वैज्ञानिक अभी तक इस विषम घटना के

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की सिफारिश है कि 18 से 60 वर्ष की आयु के वयस्कों को रात में कम से कम सात घंटे की नींद लेनी चाहिए। हालांकि, अमेरिका में लगभग 35% वयस्क पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं। सीडीसी की नींद की सिफारिश को पूरा करने के लिए वयस्कों को 17 घंटे से ज्यादा जागना नहीं चाहिए। लोग 24 घंटों के भीतर नींद की कमी के प्रतिकूल प्रभावों का अनुभव करते हैं।

इष्टतम स्वास्थ्य और उत्तरजीविता के लिए, नींद एक अनिवार्य रूप से जैविक प्रक्रिया है। नींद से जुड़े कई लाभ हैं, जिनमें मस्तिष्क के कार्य को बढ़ावा देना, भूख का नियमन और प्रतिरक्षा, हार्मोनल और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम फ़ंक्शन शामिल हैं। 2010 की एक समीक्षा के अनुसार, बिना नींद के किसी व्यक्ति के रहने का मौजूदा विश्व रिकॉर्ड 264 घंटे या सिर्फ 11 दिनों से अधिक का है।

वियतनाम के थाई एनजोक का कहना है कि जब से उन्हें 1973 में बुखार आया, तब से वे जाग रहे हैं। उन्होंने नींद की दवा से लेकर कई उपाय किये, लेकिन उन्हें नींद आती ही नहीं। एक्सपर्ट्स ने माना है कि थाई एनजोक के दशकों से ना सो पाने की वजह इन्सोम्निया या अनिद्रा की बीमारी है। हालांकि, इस बीमारी का शरीर पर काफी असर पड़ता है, लेकिन थाई एनजोक को देख कर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता।

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