हमारे जीवन में कई तरह के लोग होते हैं औऱ हर किसी के चरित्र की पहचान करना आसान काम बिल्कुल भी नहीं है। कौन सा व्यक्ति कब क्या रूप ले ले, इसकी भविष्यवाणि कोई नहीं कर सकता। आपने सुना होगा कि अक्सर जो दिखता है, वो होता नहीं है और जो होता है वो दिखता नहीं है। ऐसा ही कुछ लोगों के व्यवहार पर भी निर्भर करता है।
सान अगर अपना भला चाहता है, तो उसे सामने वाले को पहचान कर उसके साथ उचित संपर्क रखना चाहिये। आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीति ग्रंथ में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया है, जिनसे हमेशा दो गज की दूरी बना कर ही रखनी चाहिये, अन्यथा ऐसे लोग आपके जीवन में मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे तीन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे दूर रहना चाहिये।
1. चरित्रहीन महिला से रहें दूर
आचार्य चाणक्य के अनुसार बुरे स्वभाव वाली यानी कि चरित्रहीन महिलाओं से हमेशा दूर रहना चाहिये। ऐसी महिलाओं को बस अपने हित का स्वार्थ होता है। वे सिर्फ अपने बारे में सोचती हैं। यहां तक कि चरित्रहीन महिलाओं का साथ देने वाले लोगों को समाज और उसका परिवार भी बहिष्कृत कर देता है। इसी लिये चाणक्य कहते हैं कि ऐसी महिलाओं से बिल्कुल दूर रहना चाहिये।
2. बेमतलब दुखी रहने वाले लोगों से रहें दूर
जो इंसान अकारण ही दुखी रहता है, वह खुश होने का कोई कारण ही नहीं देख पाता। ऐसे लोगों के आस-पास रहने वाले लोगों की सोच भी उसी के जैसी हो जाती है। इसी लिये चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से सदा दूर रहें, जो हर वक्त कुछ ना कुछ बुरा सोच कर विलाप करते रहते हैं।
3. मुर्ख लोगों से रहें दूर
मुर्ख को चाहे, जितना भी ज्ञान दिया जाये, उसके लिये वो व्यर्थ ही है और उसे ज्ञान देने वाला व्यक्ति सिवाय अपना समय नष्ट करने के कुछ नहीं कर पाता। आचार्य चाणक्य के अनुसार मुर्ख लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिये।