अगर आपको भी क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से अंधाधुंध पैसे खर्च करने की आदत है तो सावधान हो जाइए क्योंकि भारत का आयकर विभाग उसपर निगरानी रखता है और यह आपके लिए मुश्किलों का कारण बन सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की क्रेडिट कार्ड से खर्च की गई बड़ी रकम या बड़ी खरीदारी जांच के दायरे में आती है।
इनकम टैक्स क्रेडिट कार्ड से खर्च हो रही बड़ी रकम पर नजर रखता है, अगर उसे कुछ शक होता है तो वह आपको नोटिस भेज कर जवाब भी मांग सकता है। आज के आलेख में हम आपको क्रेडिट कार्ड से की गई खरीदारी की लिमिट व उससे संबंधित अन्य जानकारी से अवगत कराएंगे।
क्रेडिट कार्ड से उच्च-मूल्य लेनदेन क्या है?
आयकर विभाग बड़े लेन-देन पर कड़ी नजर रखता है क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। रिजर्व बैंक भी ऐसे लेन-देन को नियंत्रित करने वाले दिशा-निर्देशों के पालन की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देता है। उच्च-मूल्य लेनदेन उन वित्तीय लेन-देन को कहते हैं जो विनियामक प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित एक निश्चित सीमा का उल्लंघन करते हैं।
क्रेडिट कार्ड से अधिकतम कितनी राशि खर्च कर सकते हैं?
क्रेडिट कार्ड से खर्च करने के लिए कोई सीमा नहीं है और उसके लिए कोई नियम भी नहीं है लेकिन ज्यादा खरीदारी या ज्यादा खर्च करने पर आपको आयकर विभाग को उसका ब्यौरा देना पड़ सकता है। वित्तीय संस्थानों को फॉर्म 61A का उपयोग करके 10 लाख रुपये से अधिक के किसी भी लेन-देन की रिपोर्ट करना आवश्यक है।
इसलिए कोशिश करें कि आप 1 साल में 10 लाख से ज्यादा क्रेडिट कार्ड से खर्च न करें। इसके अतिरिक्त, आयकर विभाग को व्यक्तियों को फॉर्म 26AS में उच्च मूल्य के क्रेडिट कार्ड लेनदेन की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है।
आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उच्च-मूल्य वाले लेन-देन की सूचना देनी चाहिए। क्योंकि आपका क्रेडिट कार्ड आपके पैन कार्ड से लिंक होता है इसलिए आपके सारे खर्चे का ब्यौरा सरकार के पास जाता है। अगर आप अपनी खर्च सीमा से अधिक खर्च करेंगे तो यह आयकर विभाग की जानकारी में जा सकता है और आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।